Union cabinet meeting today pm narendra modi parliament special session 2023: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ संसद के विशेष सत्र के बीच कैबिनेट की अहम बैठक हुई। बैठक में महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय कैबिनेट से बिल को हरी झंडी मिलने के बाद अब इसे संसद के विशेष सत्र में पेश किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने ट्वीट किया कि महिला आरक्षण की मांग को पूरा करने का नैतिक साहस केवल मोदी सरकार में था। कैबिनेट की मंजूरी से यह साबित हो गया है। पीएम मोदी और उनकी सरकार को बधाई।
इससे पहले सोमवार शाम 6.30 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हुई। बैठक संसद की एनेक्सी बिल्डिंग में हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में महिला आरक्षण बिल पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, एस जयशंकर, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी और अर्जुन राम मेघवाल सहित केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। दरअसल, संसद सत्र 18-22 सितंबर तक आयोजित किए जाने की घोषणा के बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस सत्र में सरकार महिला आरक्षण विधेयक या अन्य महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है।
इससे पहले पीएम मोदी ने संसद में अपने भाषण के दौरान इसका संकेत दिया था। CWC बैठक के भाषण में सोनिया गांधी ने भी मोदी सरकार से महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की थी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर भी इसकी वकालत कर चुके हैं। बीते दिन हुई सर्वदलीय बैठक में भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के कई दलों ने भी इसका समर्थन किया था।
विधेयक के बारे में जानिए
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। लैंगिक समानता और समावेशी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होने के बावजूद, यह विधेयक बहुत लंबे समय से अधर में लटका हुआ है।
महिला आरक्षण विधेयक के अहम बिंदू
- विधेयक को शुरू में 12 सितंबर, 1996 को संसद में एचडी देवेगौड़ा की संयुक्त मोर्चा सरकार ने लोकसभा में पेश किया गया था।
- इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना है।
- आरक्षण मानदंड- बिल के अनुसार, सीटें रोटेशन के आधार पर आरक्षित की जाएंगी। सीटों का निर्धारण ड्रा से इस प्रकार किया जाएगा ।
- वाजपेयी सरकार ने लोकसभा में बिल के लिए जोर दिया, लेकिन फिर भी इसे पारित नहीं किया गया।
- कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए एक सरकार ने मई 2008 में एक बार फिर इस विधेयक को पेश किया।
- इस विधेयक को नौ मार्च, 2010 को राज्य सभा ने पारित किया गया था, लेकिन अभी लोकसभा से पारित होना बाकी है।
सुबह 11 बजे इकट्ठे होंगे सदनों के सदस्य
राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने दोनों सदनों के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को मनाने के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने के लिए कल यानी 19 सितंबर को सुबह 11 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में इकट्ठा हों।