- तीज व्रत 18 सितंबर, सोमवार के दिन रखा जाएगा
- हरतालिका तीज के दिन महिलाओं सोलह श्रृंगार करती हैं
- 16 श्रृंगार माता पार्वती से जुड़े होते हैं
Vrat tyohar decorate the puja thali of hartalika teej in this way include these special things: digi desk/BHN/भोपाल/ हर साल हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। यह व्रत सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक माना जाता है। इस साल तीज व्रत 18 सितंबर, सोमवार के दिन रखा जाएगा। तीज पर सोलह श्रृंगार का काफी महत्व होता है। हरतालिका तीज के दिन महिलाओं सोलह श्रृंगार करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, कुंवारी कन्याएं यह व्रत अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। तीज के दिन वैवाहिक महिलाओं में सोलह श्रृंगार का प्राचीन काल से ही चलन रहा है।
माता पार्वती को समर्पित हरतालिका व्रत
बता दें कि हरतालिका तीज का व्रत मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। 16 श्रृंगार माता पार्वती से जुड़े होते हैं। इसलिए इस दिन 16 श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का महत्व होता है। हरतालिका तीज का व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।
पूजा की थाली में रखें सोलह श्रृंगार सामग्री
हरतालिका तीज के दिन पूजा की थाली में सोलह श्रृंगार की सामग्री रखनी चाहिए। बिंदी का सोलह श्रृंगार में बहुत महत्व है। हरतालिका तीज के दिन इसे श्रृंगार सामग्री में जरूर रखना चाहिए। सिंदूर सुहाग की निशानी मानी जाती है। इसके साथ मंगलसूत्र और बिछिया भी सुहागिन महिलाएं पहनती हैं। इन सभी चीजों को पूजा की थाली में अवश्य शामिल करना चाहिए।
इन चीजों को भी करें शामिल
मांग टीका, काजल, नथनी, पायल, कमरबंद और चूड़ियां भी सोलह श्रृंगार का अहम हिस्सा मानी जाती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाओं को हाथों में मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। इससे शरीर को भी ठंडक मिलती है और यह सुहागिनों के लिए महत्वपूर्ण होती है।