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कैंसर से जूझ रहे फीमेल चूहे की डॉ.ब्रहस्पती ने बचाई जान, एक घंटे चला आपरेशन


सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पशु चिकित्सालय में एक घंटे के अथक प्रयास के बाद कैंसर से जूझ रहे फिमेल चूहे की डॉ.ब्रहस्पती भारती नें जान बचा ली। जैसे ही कैंसर से जूझ रहे चूहे को आपरेशन के एक घंटे के बाद होश आया वैसे ही चूहे के पालक के आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े। फीमेल चूहे के गले में दो गांठे थी जिसके कारण विगत चार माह से चूहा सही तरीके से कुछ खा तक नहीं पा रहा था। दर्द से कराहते चूहे को देख कर डॉ. ब्रहस्पती भारती नें एक घंटे के आपरेशन के बाद उसे जीवनदान दिया।
40 ग्राम की थी दो गांठे
डॉ.ब्रहस्पती भारती नें बताया कि सफेद फीमेल चूहे के पालक कान्हा चौरसिया खेरमाई रोड के निवासी है। जब वे कैंसर से जूझ रहे फीमेस चूहे को लेकर आए उसके गले में 40 ग्राम की दो गठाने थी। जिसके कारण चूहा सही तरीके से चल तक नहीं पा रहा था। चूहे के पालक कान्हा ने बताया कि पूरा परिवार चूहे के गले की गठान के कारण परेशान थे। डॉ. ब्रहस्पती भारती नें चूहे का आपरेशन कर गले से 40 ग्राम की दो गठाने जैसे ही निकाली उसके एक घंटे बाद चूहे को होस आया। वर्तमान में चूहा सब कुछ खा-पी रहा है।
ट्यूमर का सेम्पल रीवा मेडिकल भेजा जाएगा
डॉ. भारती ने बताया कि चूहे के दो ट्यूमर जो निकाला गया है उसकी जांच के लिए रीवा मेडिकल कॉलेज भेजा जाएगा। इसके बाद ही सही कारण पता लग पाएगा कि गले में गठान होने का कारण क्या है। वैसे चूहे में ऐसी गठान वंसानुगत भी होती है। गठान की जांच से अन्य बीमारी की भा जानकारी मिल पाएगा।
कैंसर से जूझ रहे 16 चूहों का आपरेशन हो चुका
जिला पशु चिकित्सालय प्रभारी डॉ. ब्रहस्पती भारती ने बताया कि अभी तक जिला पशु चिकित्सालय में 16 चूहों का केंसर का आपरेशन किया जा चुका है। अधिकतर चूहों के पेट एवं गर्दन में गठाने होती है। गठान का कारण वंसानुगत होता है। अभी तक जिन चूहों की गठान का आपरेशन किया गया उसमें पाया कि चूहों की गर्दन में गठान था। चूहों की आयु 2 से 3 वर्ष रहती है। वहीं अधिकर चूहों को एक साल बाद ही गठान पाया गया है।
चार चिकित्सकों की टीम में एक घंटे लगी रही
डॉ.ब्रहस्पती नें बताया कि केंसर से जूझ रहे फीमेल चूहे के आपरेशन में डॉ. ब्रहस्पती के साथ चार चिकित्सको के साथ स्टाप लगा रहा। चूहे के आपरेशन में डॉ.ब्रहस्पती भारती के साथ विश्राम, आशुतोष,सुभम एवं अमित के साथ स्टाप लगा रहा।पशु चिकित्सालय में चूहे के अलावा, पक्षियों का भी आपरेशन हो चुका है।

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