Madhya pradesh indore yogi adityanath in indore there have been people in every period of time who have pointed fingers at sanatan dharma said yogi adityanath: digi desk/BHN/इंदौर/ गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को माधवनाथ महाराज की समाधिस्थल श्रीनाथ मंदिर साउथ तुकोगंज पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने 48 फीट उंचे अष्टधातु से निर्मित नाथ संप्रदाय के ध्वजा स्तंभ का लोकार्पण किया।
समाधि स्थल पर दर्शन-पूजन किया
अपने एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यहां समाधि स्थल पर दर्शन-पूजनकर स्वल्पहार भी लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि माधवनाथ महाराज नाथ संप्रदाय की उस सनातन धर्म की परंपरा के संत है जहां अगर आपके प्रति किसी ने कुछ किया है तो उसके लिए कृतिज्ञता का श्रेष्ठ भाव रखते हैं।
भारत के आदर्श व सिद्धांतों पर प्रहार
उन्होंने कहा कि शाश्वत सनातन परंपरा को ही आज कुछ लोग कोसने का कार्य कर रहे हैं। ऐसे लोग भारत के आदर्श व सिद्धांतों पर प्रहार करते हैं।यह हर काल खंड में हुआ है। यह ऐसे लोग हैं जो ईश्वर की वास्तविकता पर अविश्वास करते हैं। रावण, कंस, हिरण्यकश्यप इसी परिपाटी के थे। महाकाल मंदिर, अयोध्य में राम मंदिर और काशी विश्वनाथ जैसे मंदिरों पर प्रहार किया। देवी अहिल्या ने उस काल खंड में काशी विश्वनाथ मंदिर को पुन: स्थापित किया।
आजादी का अमृत महोत्सव मनाया
योगी ने कहा कि जिस समय हम स्वतंत्र हुए उस वक्त देश की स्वतंत्रता का उत्सव सभी नहीं मना पाए क्योंकि उसके साथ विभाजन की त्रासदी भी जुड़ गई थी, इसलिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया। इस दौरान कई उपलब्धियां हासिल की और ब्रिटेन को पछाड़कर देश की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
माधवनाथ महाराज योगी जन्म-मरण से परे
वे बोले भारतीय मूल के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कहते हैं कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। वे गो माता का पूजन करने में, मंदिर जाने में हिचकते नहीं है। वे सनातन धर्म के आदर्शन से जुड़े हुए है। माधवनाथ महाराज जैसे योगी जन्म-मरण से परे होते हैं। मृत्यु भी उनके लिए एक नया जन्म है। उन्होंने अपने शिष्यों को संदेश दिया कि लोक कल्याण के कार्य करने वालों के साथ मैं सदा रहूंगा।
इस मौके पर सांसद शंकर लालवानी, पूर्व राज्यपाल व्हीएस कोकजे महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय मौजूद थे। संस्थान के सचिव संजय नामजोशी ने संस्था परिचय दिया। आभार पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने माना।