- जलस्त्रोतों में क्रूज व मोटर बोट पर एनजीटी की रोक
- बड़ा तालाब सहित, जलाशयों के किनारे बफर जोन में नहीं कर सकेंगे निर्माण
- यदि पूर्व से किए गए हैं तो उन्हें तोड़ना होगा
Madhya pradesh bhopal mp ngt ban on cruise and motor boats in water bodies in mp also for bhopal bada talab: digi desk/BHN/भोपाल/राजधानी के बड़ा तालाब समेत प्रदेश के अन्य जलस्त्रोतों में अब क्रूज व मोटर बोट का संचालन नहीं किया जा सकेगा। इसको लेकर मंगलवार को एनजीटी ने रोक लगाने संबंधी आदेश दिया है। यही नहीं, एनजीटी ने यह भी कहा कि जलाशयों के किनारे बफर जोन में किसी तरह का कोई निर्माण भी नहीं किया जा सकेगा। यदि पूर्व से कहीं कोई पक्का निर्माण है तो उसे भी तोड़ना होगा। हाथ व पांव की मदद से चलाई जाने वाली नावों पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। एनजीटी के इस आदेश के बाद हनुमंतिया, बरगी बांध, तवा जलाशयों में चलाई जाने वाली मोटर बोट व क्रूज का संचालन नहीं हो सकेगा।
बता दें कि याचिकाकर्ता सुभाष सी पांडे की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने आदेश दिया है कि यदि क्रूज एक बड़ी संख्या के मनोरंजन के लिए चलाई जाती है तो माना जाएगा कि उद्योग चल रहा है। यह ट्रेड की सीमा में आएगा। जलस्त्रोतों में प्रदूषण नियमों की निगरानी और सहमति के बिना इनका संचालन संभव नहीं है।
वर्तमान में बड़ा तालाब में जो क्रूज चल रहा है, वो एयर एक्ट 1981, वाटर एक्ट 1974, अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2000, एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 और वेटलैंड रुल्स 2016 का उल्लंघन है। प्रतिवदियों द्वारा इसमें पर्यावरणीय नियमों पालन संबंधी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए, इसीलिए इनके द्वारा भोज वेटलैंड सहित मप्र राज्य की सभी वाटर बाडी में मोटर बोट और क्रूज चलाना अवैध है। ऐसे में इन नियमों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
विदेश की तरह फोर स्ट्रोक इंजन बोट का संचालन संभव
एनजीटी ने आदेश में कहा है कि प्रदेश के वो जलाशय जो वेटलैंड नहीं हैं, ऐसी समस्त वाटर बाडी में फोर स्ट्रोक इंजन की बोट चलाई जा सकेगी, जैसा कि तीन दर्जन देशों मे चल भी रही है, लेकिन यह पर्यावरणीय नियमों के अनुकूल होना चाहिए। प्रतिवादियों को सुनिश्चित भी करना होगा कि वोट संचालन के समय उसकी फिटनेस, मेंटेनेंस, इससे निकलने वाली आवाज और लीकेज समेत अन्य बारीकियों का परीक्षण प्राथमिकता से करें। साथ ही इनमें चलने वाली बोट में ग्रीन फ्यूल का इस्तेमाल अनिवार्य हो।
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और सीपीसीबी बनाए एसओपी
मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन विभाग संयुक्त रूप से तय करें कि यदि कहीं रिजर्व फारेस्ट, नेशनल पार्क व ईकोसेंसटिव जोन है, तो इनके अंदर ऐसी गतिविधियों का संचालन न किया जाए, जिससे वन्य जीव प्रभावित हो। यदि संचालन होता है, तो सुनिश्चित किया जाए कि उससे नुकसान न हो। वहीं वेटलैंड नियमों का पालन कराने के लिए एनजीटी ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मिलकर एसओपी तैयार करें।
तीन माह में देनी होगी रिपोर्ट
बड़ा तालाब के अलावा प्रदेश के अन्य जलस्त्रोतों पर भी यह आदेश समान रूप से लागू किया होगा, साथ ही आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। एनजीटी ने सभी प्रतिवादी को आदेश दिया कि वो सभी मोटर बोट का संचालन तुरंत बंद कर दें। भोज वेटलैंड रामसर साइट है, लेकिन मोटर बोट या क्रूज का संचालन सभी वेटलैंड में प्रतिबंधित होगा। इसके लिए पीसीबी और वन विभाग मौके का परीक्षण कर तीन माह में अपनी रिपोर्ट एनजीटी के रजिस्ट्रार को सौंपेंगे।
मप्र और गुजरात के बीच क्रूज संचालन नहीं होगा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार की नर्मदा नदी में बड़वानी के राजघाट से गुजरात के केवड़िया में स्थित सरदार सरोवर बांध (स्टेच्यू आफ यूनिटी) तक 100 सीटर क्रूज चलाने की योजना थी। इसका संचालन पीपीपी मोड पर होना था, लेकिन एनजीटी के प्रतिबंध के बाद अब इसके संचालन पर भी प्रतिबंध लग गया है।