Madhya pradesh indore gst tax system department issuing notice to taxpayer to return input tax credit due to suppliers mistake: digi desk/BHN/इंदौर/जीएसटी लागू करते समय सरकार द्वारा यह विश्वास दिलाया गया था कि इस नई कर प्रणाली के लागू होने के पश्चात करदाता को बिना किसी बाधा के इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त होगा। इस आश्वासन के विपरीत जीएसटी विभाग सप्लायर की गलती पर क्रेता को इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ ब्याज और पेनल्टी के वापस करने के लिए नोटिस जारी कर रहा है।
यह बात सीए अंकित करणपुरिया ने कही। वे बतौर मुख्य वक्ता टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवम चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा द्वारा आयोजित सेमिनार में उपस्थित थे। इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधानों की व्याख्या और नोटिस का जवाब कैसे दिया जाए विषय पर उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधित प्रावधान धारा 16 के अंतर्गत दिए गए हैं। कुछ दशाओं में इन प्रावधानों का पालन नहीं होने पर विभाग द्वारा नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
इस प्रकार की मांग का मुख्य कारण सप्लायर द्वारा रिटर्न फाइल नहीं करने, उसके द्वारा सरकार को कर का भुगतान नहीं करने पर या पुरानी तिथि से उसके रजिस्ट्रेशन कैंसल हो जाना है। अतः प्राप्तकर्ता की किसी भी प्रकार की गलती नहीं होने एवं उनके द्वारा सप्लायर को कर का भुगतान कर देने पर भी उनकी क्रेडिट अमान्य करके कर की मांग की जा रही है।
आईटीसी से संबंधित महत्वपूर्ण अदालती फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सप्लायर द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने पर पहली वसूली विक्रेता से की जाएगी और उसके बाद असाधारण परिस्थितियों में खरीदार से वसूली की जाएगी। कार्यक्रम में सुनील खंडेलवाल, विक्रम गुप्ते, पलकेश असावा, नवीन खंडेलवाल, एस सी बंसल के साथ बड़ी संख्या में चार्टर्ड अकाउंटेंट, कर सलाहकार एवं अधिवक्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सीजीएसटी सचिव सीए कृष्ण गर्ग ने किया।
खरीदारी को जारी हो रहे इनपुट टैक्स अमान्य करने के नोटिस
करदाताओं के सामने एक और समस्या यह है कि कई बार विभाग द्वारा विक्रेता का पंजीकरण पुरानी तिथि से रद कर दिया गया है। ऐसी दशा में खरीदार को इनपुट टैक्स अमान्य करने के नोटिस जारी हो रहे हैं। ऐसे मामलों में अदालतों द्वारा यह माना गया है कि क्रेता को ऐसी दशा में आईटीसी से इनकार नहीं किया जा सकता है जहां लेनदेन वास्तविक है और विक्रेता का पंजीकरण उस तारीख को सक्रिय था जिस दिन लेनदेन हुआ था।