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Asthmi Rohini: जन्माष्टमी पर नहीं होगा भद्रा का साया, रोहिणी नक्षत्र में करें पूजा, पूरी होगी मनोकामना

Vrat tyohar janmashtami 2023 there will be no shadow of bhadra on janmashtami worship in rohini nakshatra like this wishes will be fulfilled: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू पंचांग के मुताबिक 6 सितंबर को रात 12 बजे के करीब रोहिणी नक्षत्र है और इस दौरान शुभ मुहूर्त कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्मरण
Janmashtami पर भगवान कृष्ण की पूजा के साथ उनकी लीलाओं का स्मरण किया जाता है। यह एक शानदार आत्मिक व आध्यात्मिक अनुभव होता है, जो भक्तों को मानसिक शांति और सकारात्मकता देता है।

जन्माष्टमी पर भद्रा का साया नहीं

पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, जन्माष्टमी पर भद्रा का कोई प्रभाव नहीं है। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 6 तारीख रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी व्रत 6 तारीख को ही रखा जाना चाहिए।

मथुरा वृंदावन जा रहे हैं तो रहें सावधान

यदि आप इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा वृंदावन जा रहे हैं तो विशेष सावधानी रखें। वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए छोटे बच्चों, वृद्ध, दिव्यांग एवं मरीज को साथ में न लाएं। दर्शनार्थियों से अपील की गई है कि गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह के बाद ही बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने के लिए आएं।

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