National udhayanidhi stalin said i was not invited to inauguration of new parliament: digi desk/BHN/चेन्नई/ तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान के बाद विवाद मचा हुआ है। इस दौरान उदयनिधि का एक और बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की ओर से उन्हें नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया। सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर उन्होंने कहा कि वो हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं, लेकिन सनातन के जातिगत भेदभाव के खिलाफ हैं।
संसद के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया
उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हाल ही में हुए नई संसद के उद्घाटन में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। यह मेरे साथ हुए भेदभाव का ताजा उदाहरण है। जब उदयनिधि से सनातन धर्म को लेकर दिए विवादित बयान पर माफी की मांग उठने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि तमिलनाडु के मंत्री ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म करने की बात कही थी।
अपने बयान के लगातार हो रहे विरोध के बाद भी अभी तक वो बार-बार एक ही बात दोहराते नजर आए कि मैं अपने दिए गए बयान के एक-एक शब्द पर कायम हूं। इस बीच कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने उदयनिधि का समर्थन करते हुए बयान दिया था। इन दोनों के बयान का भाजपा नेताओं सहित हिंदू संगठन के नेता विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेता इसी विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए से जोड़कर बता रहे हैं।