Madhya pradesh jabalpur fear of drought in kharif season in the districts of mahakoshalvindhya and bundelkhand power cuts increase farmers trouble: digi desk/BHN/जबलपुर/ महाकोशल-विंध्य और बुंदेलखंड के जिलों में बीते करीब एक महीने से बारिश का क्रम थमा हुआ है। खरीफ सीजन में सूखे की आशंका को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। बिजली की मांग अधिक होने से विभाग ने कृषि फीडरों में दी जाने वाली सप्लाई में कटौती शुरू कर दी है।
कटनी में कृषि फीडरों से तीन घंटे की कटौती शुरू हो गई है। बालाघाट, नरसिंहपुर, डिंडौरी, शहडोल, मंडला समेत अन्य जिलों में खेतों में दरारें दिखने लगी हैं। अगर बारिश नहीं हुई तो फसलें चौपट होने की कगार पर पहुंच जाएंगी।
तपन से झुलस रहीं फसलें
सिवनी जिले में सूरज की तीखी तपन से फसलें झुलस रही हैं। साढ़े तीन लाख हेक्टेयर रकबे में लगी धान, मक्का, सोयाबीन फसल को बचाने किसान जुटे हुए हैं। पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से आक्रोशित किसान धरना दे रहे हैं। शहडोल जिले में धान के खेतों में दरारें दिखने लगी हैं। खेतों में मुरझाए पौधे व उड़ती धूल देख किसानों का मन दुखी है। अब तक 30 प्रतिशत फसल सूख चुकी है।
सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग ने पकड़ा जोर
सीधी जिले में फसलें सूख रही हैं। कुसमी व मझौली अंचल में धान, मक्का, अरहर आदि फसल सूखने लगी है। तिल, उड़द, मूंग आदि में फूल सूखकर झड़ रहे हैं। उमरिया में किसानों ने मानपुर और करकेली क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। करकेली जनपद के कई गांवों में ट्रांसफार्मर जलने से विद्युत आपूर्ति बाधित है।
धान उत्पादक जिलों में रोग की भी मार
धान उत्पादक बालाघाट जिले में धान का रकबा 2.58 लाख हेक्टेयर है। बिरसा, खैरलांजी, लांजी, कटंगी क्षेत्र में धान के खेतों में दरारें पड़ रही हैं। अच्छी बारिश नहीं हुई तो धान का उत्पादन प्रभावित होगा। धान पर तना छेदक व ब्लास्ट नामक रोग भी बढ़ रहा है। अनूपपुर जिले में धान की ग्रोथ रुक गई है। कीट व्याधि से धान का पौधा पीला होकर खराब हो रहा है। रीवा जिले में धान के पौधे में रोग लगना शुरू हो गया है। 35 से 40 प्रतिशत धान की फसल प्रभावित हो चुकी है।
मक्का, सोयाबीन सहित कोदो कुटकी भी प्रभावित
दमोह जिले में 25 हजार 500 हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है। बारिश थमने से करीब 10 से 12 प्रतिशत फसल प्रभावित हो चुकी है। यही हालात सतना जिले के हैं, जहां तराई अंचल में धान व सोयाबीन की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। डिंडौरी जिले में धान सहित सोयाबीन, मक्का सहित कोदो कुटकी की फसल भी प्रभावित है। मंडला जिले में धान के पौधों पर कीट लगने का खतरा भी बढ़ गया है। छिंदवाड़ा में खड़ी फसल और सब्जियों को भी नुकसान हो रहा है। चौरई, छिंदवाड़ा ब्लाक में मक्का और मोहखेड़ ब्लाक में उड़द की फसल सूख रही है।