Madhya pradesh shivpuri kamalnath gave congress membership to virendra raghuvanshi equation with bjp deteriorated due to scindias arrival: digi desk/BHN/शिवपुरी/ भाजपा के सभी पदों से त्याग पत्र देने के बाद शनिवार को कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है। राजधानी में लिंक रोड पर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर हुए कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने रघुवंशी को कुछ अन्य नेताओं के साथ पार्टी की सदस्यता दिलाई।
भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह रघुवंशी ने प्रदेश भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब यह वह भाजपा नहीं रही, जो कार्यकर्ताओं की बात करती थी। आज वहां पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की कोई पूछपरख नहीं है। उल्लेखनीय है कि वीरेंद्र रघुवंशी पहले कांग्रेसी ही थे। शिवपुरी से विधानसभा चुनाव हारने के बाद वर्ष 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कोलारस से यह भाजपा को चौथा बड़ा झटका लगा है। कोलारस के बाद अब पोहरी और करैरा से भाजपा में बगावत के सुर उठने लगे हैं। यहां से कुछ नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में है।
वीरेंद्र रघुवंशी ने 31 अगस्त को भाजपा से इस्तीफा दिया था और कुछ दिन सभी से सलाह मशवरा करने के बाद नई पार्टी जाइन करने के संबंध में निर्णय लेने की बात कही थी। उनके 2 सितंबर को कांग्रेस में शामिल होने की बात इंटरनेट मीडिया पर त्याग पत्र देने के पहले ही आ गई थी। उनके भाजपा छोड़ने की स्क्रिप्ट भी कई महीनों पहले ही लिख दी गई थी।
छह महीने पहले ही शुरू हो गई थीं चर्चाएं
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सबसे ज्यादा समर्थक कोलारस से ही उनके साथ आए थे। सिंधिया समर्थक व पूर्व विधायक महेंद्र यादव और वीरेंद्र रघुवंशी वर्ष 2018 के चुनाव में प्रत्याशी थे और जीत का अंतर सिर्फ 720 वोट का था। महेंद्र यादव के भाजपा में आते ही उन्हें अधिक तव्वजो मिलने लगी, तो वीरेंद रघुवंशी भी सांसद केपी यादव के गुट में शामिल हो गए। दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर विरोध के चलते वीरेंद्र रघुवंशी के टिकट कटने की आंशका भी बनने लगी। करीब छह महीने पहले से ही वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी विधानसभा के मुद्दों पर मुखर होने लगे थे और उनके दल बदलने की चर्चाएं तब से ही थीं।
त्याग पत्र देते ही तैयारियां की शुरू
वीरेंद्र रघुवंशी का शिवपुरी विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना लगभग तय है। बलारपुर मंदिर रास्ते का विवाद हो या फिर हाकर्स जोन बनाने पर हाथ ठेलेवालों का विरोध, शिवपुरी विधानसभा के मामलों में वीरेंद्र रघुवंशी ने मुखर होकर हस्तक्षेप किया। हालांकि इस दौरान मेडिकल कालेज में जेआर के साथ उनका विवाद भी काफी उछला। डॉक्टरों के विरोध के बाद विधायक को माफी मांगना पड़ी थी। त्याग पत्र देने के बाद से ही वीरेंद्र रघुवंशी सक्रिय हो गए। उनकी ओर से कार्यकर्ताओं को चुनाव में काम करने के लिए फोन भी घनघनाने शुरू हो गए हैं।
कांग्रेस में दो बार के जिला पंचायत
शनिवार को करैरा विधानसभा से दो बार से जिला पंचायत सदस्य दिनेश परिहार अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए। गौरतलब है दिनेश परिहार पूर्व से ही कांग्रेसी विचारधारा के थे, लेकिन उप चुनाव में टिकिट नहीं मिलने पर सपा से चुनाव लड़ा। हारने के बाद फिर कांग्रेस के साथ ही काम किया और अब फिर से विधिवत सदस्यता ली।