Madhya pradesh shivpuri shivpuri child abductor woman arrested became leader of human trafficking gang by selling girls: digi desk/BHN/शिवपुरी/ भौंती थाना क्षेत्र के मनपुरा से एक मजदूर के मासूम बच्चे को चुराकर ले जाने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है। बच्चा उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया है। बच्चे की अपहरण की वारदात को अंजाम देने वाली महिला लड़कियों और बच्चों के बेचने वाले गैंग का संचालन करती है। पुलिस सूचना के आधार पर अपहरण का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में मानव तस्करी की धारा का इजाफा किया गया।
रविवार को मनपुरा निवासी आरती पत्नी अर्जुन केवट (30) ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी। उसके सात माह के बेटे कार्तिक का एक अज्ञात महिला ने अपहरण कर लिया है। सोमवार बच्चे के स्वजनों और ग्रामीणों ने मनपुरा में चक्काजाम कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए प्रदर्शन किया।
पुलिस ने सोमवार को मामले की विवेचना शुरू की थी। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज हासिल हुई। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर महिला की शिनाख्त की कोशिश की। अपहरण करने वाली महिला की पहचान ग्राम धुवाई निवासी दयावती लोधी पत्नी रामेश्वर (45) और बाइक चलाने वाले युवक की पहचान दयावती के बेटे छोटू उर्फ सुनील लोधी के रूप में हुई।
पुलिस महिला के धुवाई स्थित घर पर पहुंची। महिला वहां नहीं मिली और ना ही बेटे व पति का कोई सुराग लगा। पूछताछ में पता चला कि महिला जयपुर में रहती है और बच्चों व लड़कियों की खरीद फरोख्त का काम करती है। उसके बाद पुलिस जयपुर पहुंची। बच्चे को आरोपित महिला के साथ बरामद कर लिया। पुलिस ने धारा 363 के अपराध में मानव तस्करी की धारा 370 इजाफा करते हुए महिला दयावती लोधी सहित उसके बेटे सुनील लोधी को मामले में नामजद कर लिया है।
पूर्व में भी एक बच्चे को चुराया
पुलिस अधीक्षक रघुवंश भदौरिया ने बताया कि दयावती के बारे में पड़ताल की गई, तो पता चला कि कुछ साल पहले भी इसने गांव में एक बच्चा चोरी किया था, लेकिन जब वह बच्चा चुराकर भाग रही थी, तभी गांव वालों ने महिला को पकड़ लिया। उस समय मामले की कोई पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई थी। मामला गांव की गांव में ही निपटा लिया गया था।
शादी कराने के नाम पर लड़कियों को बेचा
एक ग्रामीण ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि इसी प्रकार कुछ समय पहले यह महिला एक बालिग लड़की को भी शादी के बहाने अपने साथ खोड़ की तरफ से ले आई थी। उस समय भी काफी बबंडर हुआ था, लेकिन मामला थाने के बाहर ही निपटा लिया। गांव वालों के अनुसार महिला ने क्षेत्र की कई लड़कियों को शादी कराने के नाम पर बेचा है। वह लड़कियां शादी के बाद कभी लौट कर गांव नहीं आईं।
‘दयावती’ कैसे बनी गैंग सरगना
ग्रामीणों की मानें तो दयावती का मायका तिंधारी गांव में था और उसकी शादी धुवाई में रामेश्वर लोधी के साथ हुई थी। दूसरी ओर धुवाई गांव का एक युवक अशोक लोधी जयपुर में रहकर दूध का काम करता है। वह कभी-कभी जयपुर से अपने गांव भी आता जाता रहता है। इसी क्रम में करीब सात-आठ साल पहले दयावती और अशोक की मुलाकात हुई।
यह मुलाकात प्यार में बदल गई तो वह पति को छोड़कर अशोक लोधी के साथ जयपुर भाग गई। इसी दौरान दिमाग से शातिर दयावती वहां रहकर कुछ युवकों की शादी क्षेत्र की गरीब लड़की से करवा दी। शादी करवाने के बदले जब दयावती को पैसा मिला, तो उसने इसे व्यापार बना लिया। धीरे-धीरे उसने क्षेत्र में अपने स्लीपर सेल तैयार कर लिए। दयावती को जब भी किसी लड़की का ऑफर मिलता था, तो वह धुवाई व आसपास के गांव में अपने स्लीपर सेल का सक्रिय कर देती थी। यह लोग किसी गरीब परिवार को लालच में फंसा कर उसकी बेटी का सौदा शादी के नाम पर करवा देते थे।
लड़की नहीं दी तो उठाया बेटा
इस पूरे मामले में जब दयावती से बात की तो मासूम कार्तिक के अपहरण की कहानी में एक नया मोड़ आ गया। दयावती के अनुसार किसी पार्टी को शादी के लिए लड़की की आवश्यकता थी। इसी क्रम में उसे अपह्त कार्तिक के परिवार वालों ने लड़की उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया और रुपये ले लिए। इसके बाद शादी के लिए लड़की नहीं मिली तो दयावती बात करने इनके घर पहुंची। कार्तिक के परिवार वालों ने जब लकड़ी नहीं दिखाई तो दबाव बनाने के लिए सात महीने के बच्चे का अपहरण कर लिया।
महिला भागने में सफल रही
बच्चे का अपहरण हाेने के बाद ग्रामीणों ने करीब दस बाइक से सभी दिशाओं में बच्चे की तलाश में भेजी। एक ग्रामीण ने बताया कि उसने महिला का आधी रात को उस समय पीछा किया जब वह बच्चे को लेकर भाग रही थी। महिला महोवा, छिरवाहा, बडेरा चौराहा होकर चंदेरी की तरफ भागी। चंदेरी पर उसकी बाइक का पेट्रोल खत्म हो गया, वहीं से महिला ओझल हो गई। ग्रामीणों का कहना सही है तो कार्तिक के पिता और अन्य ग्रामीणों को रविवार की रात ही इस बात की जानकारी थी कि बच्चे का अपहरण किसने किया है।