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Raksha Bandhan Upay: भाई को राखी बांधते समय इस मंत्र का करें उच्चारण, मिलेगी लंबी उम्र

इस वर्ष दो दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जा रहा रक्षा बंधन का पर्व, 31 अगस्त की सुबह तक ही रहेगी पूर्णिमा तिथि

  1. 30 अगस्त को रात 9.02 बजे के बाद राखी बांधने का शुभ समय
  2. 31 अगस्त को सुबह 7.05 बजे तक ही राखी बांधी जा सकती है
  3. राखी बांधने के बाद भाई भी दें अपनी बहन को हर मुसीबत से रक्षा करने का वचन

Vrat tyohar raksha bandhan upay 2023 use this mantra while tying rakhi to your brother you will get long life and progress: digi desk/BHN/भोपाल/ रक्षा बंधन का पर्व इस साल 30 अगस्त और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र और उन्नति की कामना के साथ उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। पंडित गगन शर्मा के अनुसार इस बार श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त के दिन बुधादित्य, शश और वासरपति योग बन रहे हैं। इस दिन रात 9.02 बजे के बाद राखी बांधने का मुहूर्त है, इसके पहले भद्रा होने की वजह से राखी नहीं बांधी जाएगी।

इसके बाद 31 अगस्त को राखी बांधने का समय सुबह 7.05 मिनट तक का ही है। इसके बाद श्रावण पूर्णिमा की तिथि समाप्त हो जाएगी। भाई को राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करने के साथ शुभ मंत्र का उच्चारण भी बहुत जरूरी है। जिससे भाई और बहन के बीच प्रेम हमेशा के लिए बना रहे और भाई का आयु भी बढ़े।

तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।

इस मंत्र का अर्थ यह है कि रक्षा का जो धागा राजा बलि को बांधा गया, यही पवित्र धागा मैं आपकी कलाई पर बांध रही हूं। जो आपको सभी विपत्तियों से बचाएगा।

भाई भी करे अपनी बहन से हर मुसीबत में साथ देने का वादा

बहन द्वारा रक्षा बंधन बांधने के बाद भाई को भी यह वादा करना चाहिए कि मैं बहन के जीवन में हर मुसीबत के समय उसका साथ दूंगा और हमेशा बहन की रक्षा करूंगा।

रक्षाबंधन पर भूलकर भी न करें ये गलतियां

इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त दो दिनों तक मनाया जाने वाला है। इस बार 30 अगस्त को सावन पूर्णिमा के दिन सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह मिलकर पंच महायोग का निर्माण कर रहे हैं। इन पांच ग्रहों की ऐसी स्थिति के कारण बुधादित्य, वासरपति और शश योग भी बन रहा है। 700 साल के बाद ऐसा संयोग बना है, जब रक्षाबंधन के दिन पंच महायोग बन रहा है। 30 अगस्त को रक्षाबंधन के पूरे दिन भद्रा काल भी रहेगा, जिसे काफी अशुभ माना जाता है। भद्रा के चलते कई लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाएंगे।

30 अगस्त के दिन पंच योग बनने से रक्षाबंधन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए। साथ ही जो लोग 30 अगस्त का रक्षाबंधन मनाने वाले हैं, वे रात 09 बजकर 02 मिनट के बाद ही राखी बांधें। वहीं, जो लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाने वाले हैं, वे सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक ही राखी बांध सकते हैं। इसके बाद सावन पूर्णिमा समाप्त हो जाएगी।

 ध्यान रखें ये बातें

  • यदि आप 30 अगस्त को रक्षाबंधन मना रहे हैं, तो गलती से भी भद्रा काल में अपने भाई को राखी न बांधें। ऐसा करने से जीवन में संकट आता है। रावण को उसकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी और उसी साल प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था।
  • भाई को प्लास्टिक, खंडित या अशुभ चिह्न वाली राखी ना बांधें। साथ ही काले रंग की राखी भी अशुभ मानी जाती है। भाई और बहन दोनों के लिए यह अशुभ होता है।
  • रक्षाबंधन पर भाई अपनी बहन के तोहफे को ध्यान रखकर दें। बहन को कभी भी धारदार या नुकीली चीजें भेंट न करें। ना ही कभी कांच की चीज, रुमाल और जूते-चप्पल गिफ्ट में दें।
  • रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन को काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन लाल, पीले या हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।रक्षाबंधन के दिन मांस, मदिरा जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
  • राखी बांधते समय ध्यान रहे कि बहन इस तरह बैठें कि उनका मुख दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर और भाई का चेहरा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

राखी बांधने का ही नहीं, उतारने का भी होता है मुहूर्त

 रक्षाबंधन पर लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आते हैं कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है? राखी हाथ पर कितने दिनों के लिए बंधी रहना चाहिए और क्या राखी उतारना शुभ होता है आदि। पंडित चंद्रशेखर मलतारे इस बारे में यहां विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

पंडित मलतारे के मुताबिक, हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले दिशा, दिन व शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। राखी बंधवाते समय भाई का चेहरा हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए और बहन का चेहरा पश्चिम की ओर या उत्तर की ओर हो सकता है। भाई या बहन दोनों का चेहरा दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए।

कब बांधकर रखना चाहिए राखी

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, रक्षाबंधन के त्योहार के बाद राखी कुछ ही दिनों तक बांधकर रखना चाहिए। राखी हाथ में ज्यादा दिनों तक बंधे रहने से अशुद्ध हो सकता है और इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। भादो मास की पूर्णिमा तिथि को राखी को उतारा जा सकता है। वहीं, जन्माष्टमी पर्व पर भी राखी को उतारा जा सकता है।

टूटी हुई राखी फिर न बांधे
यदि गलती से राखी टूट जाए तो ऐसी राखी को फिर से नहीं बांधना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है। टूटी हुई राखी को बहते पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए। खंडित राखी को भी घर में नहीं रखना चाहिए।

भद्रा काल ने न बांधे राखी
इस साल पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त को 10.12 मिनट पर हो रही है और समापन 31 अगस्त को सुबह 7.45 मिनट पर होगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक, 30 अगस्त को भद्रा भी शुरू हो रही है और ऐसे में राखी बांधना शुभ नहीं होता है। भद्रा काल रात में 8.58 मिनट तक रहेगा। इसलिए रक्षाबंधन 31 अगस्त को मनाना ज्यादा उचित रहेगा।

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