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MP Election: श‍िवराज सरकार भाजपा संगठन के सहारे जनता का विश्वास जीतने के लिए मैदान में उतरेगी

Madhya pradesh bhopal mp election 2023 mp shivraj government will enter the fray to win the trust of the public with the help of bjp organization: digi desk/BHN/भोपाल।/2018 की हार से उबर कर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने एक ऐसी सरकार चलाई है जिसके पास जनता के बीच ले जाने के लिए कई उपलब्धियां हैं। सरकार अब पार्टी संगठन के सहारे जनता का विश्वास जीतने के लिए एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है भाजपा की जीत के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, नरेंद्र सिंह तोमर व भूपेंद्र यादव को मैदान में उतारा है।

ये नेता मध्‍य प्रदेश में भाजपा की जीत की राह प्रशस्त कर रहे हैं। इसमें नरेंद्र सिंह तोमर और भूपेंद्र यादव मुख्य भूमिका में हैं और सभी निर्णय उन्हीं की देखरेख में लिए जा रहे हैं, पर वैष्णव पर्दे के पीछे रहकर मिशन-2023 की जीत का ताना-बाना बुन रहे हैं। वे अच्छे रणनीतिकार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। राजस्थान के पाली जिले में रानी के जीवनंद कलां गांव के रहने वाले वैष्णव प्रशासनिक अधिकारी भी रहे हैं। इसलिए इस मप्र विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।

कार्यकुशलता है अश्विनी वैष्‍णव की पहचान

रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे वैष्णव अपनी कार्यकुशलता के कारण भी पहचाने जाते हैं। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि वे प्रशासनिक नजरिया भी रखते हैं, और इस नजरिये की वर्तमान में मध्य प्रदेश चुनाव में बेहद जरूरत है। आइआइटी कानपुर के छात्र रहे वैष्णव ओड़िशा के बालासोर व कटक जिलों में कलेक्टर रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव रहते हुए उन्होंने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सार्वजिनक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) ढांचे को बनाने में योगदान दिया। इसके बाद वे वाजपेयी के निजी सचिव भी रहे। 2010 में प्रशासकीय सेवा छोड़ सक्रिय राजनीति में आए वैष्णव जून 2019 से राज्यसभा में ओड़िशा राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

मैदानी जमावट और निर्णयों का पालन कराने का जिम्मा

भाजपा के प्रदेश चुनाव सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव के पास सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, उन्हें केंद्रीय और प्रादेशिक स्तर से लिए जाने वाले निर्णयों का मैदानी स्तर पर पालन कराना है और मैदानी जमावट पर नजर भी रखनी है। प्रशासनिक समझ होने के कारण वैष्णव यह कार्य अच्छे से कर सकते हैं। वे हर छोटे-बड़े घटनाक्रम को प्रशासनिक नजरिये से देखने के साथ उसका हल भी वैसे ही निकालते हैं।

तोमर-चौहान की जोड़ी ने की थी फतह

ऐसा नहीं कि तोमर और यादव की भूमिका खास नहीं है। तोमर चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक बनाए गए हैं, वे मध्य प्रदेश की राजनीति का लंबा अनुभव तो रखते ही हैं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में 2008 और 2013 का चुनाव सफलतापूर्वक करा चुके हैं। इस दौरान तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जोड़ी काफी चर्चित रही। दोनों ही बार पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था।

लगाए जा रहे ऐसे अनुमान

कयास लगाए जा रहे थे कि 2023 के चुनाव में भी इसी जोड़ी का जलवा देखने को मिलेगा। केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस बात को भांपा और तोमर को नई भूमिका में चुनाव का जिम्मा सौंपा। भाजपा प्रदेश चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे भूपेंद्र यादव लंबे राजनीतिक अनुभव के साथ कानूनी मामलों के जानकार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के काफी करीबी हैं। यही कारण है कि वे कई राज्यों में प्रभारी की हैसियत से काम कर चुके हैं। परिस्थिति को देखते हुए तोमर, यादव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा जो निर्णय लेते हैं, उन्हें जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी वैष्णव निभा रहे हैं।

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