National bjp cec meeting on madhya pradesh concludes at party headquarters in delhi: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में BJP की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक हुई। अपने चुनावी प्रयास को तेज करते हुए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने बुधवार को छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में तैयारियों पर चर्चा की। इस बैठक में पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित तमाम दिग्गज नेता पार्टी मुख्यालय में मौजूद थे। इस दौरान आगामी राज्य विधानसभा चुनावों और खास तौर मध्य प्रदेश चुनाव पर चर्चा हुई। सीईसी के सदस्यों ने इस बैठक में चुनावी तैयारियों का जायजा लिया और उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
छत्तीसगढ़ पर चर्चा
बैठक में चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में तैयारियों पर चर्चा हुई। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 90 सीटों में से 27 सीटों पर उम्मीदवारों के पैनल पर चर्चा हुई। पार्टी ने अपने चुनावी प्रयास में बेहतर योजना के लिए सीटों को चार श्रेणियों – ए, बी, सी, डी में वर्गीकृत किया है। ‘ए’ श्रेणी की सीटें वे हैं जो भाजपा ने पिछले चुनावों में हर बार जीती हैं। ‘बी’ श्रेणी में वे सीटें हैं जिन पर पार्टी को जीत और हार के मामले में मिश्रित परिणाम मिले हैं। ‘सी’ श्रेणी में वे सीटें हैं जहां भाजपा कमजोर है, जबकि ‘डी’ श्रेणी में वे सीटें शामिल हैं जिन पर भाजपा कभी नहीं जीती है। एएनआई के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि पार्टी कांग्रेस शासित राज्य की करीब 50 फीसदी सीटों पर नये चेहरे उतार सकती है।
चुनावी रणनीति पर चर्चा
बीजेपी की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (केंद्रीय चुनाव समिति) चुनावी रणनीति और फैसले लेने के लिए पार्टी की सबसे बड़ी कमेटी है। आम तौर पर बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद होती है, लेकिन इस साल पार्टी ने काफी पहले से ही तैयारी शुरु कर दी है। खास तौर पर कर्नाटक में मिली हार के बाद बीजेपी, मध्य प्रदेश में कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहती है।
साल के अंत में चुनाव
ये बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इस साल के अंत तक यानी नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने की उम्मीद है। इनमें से छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना विपक्ष शासित राज्य हैं और बीजेपी यहां जीत के लिए पूरी कोशिश करेगी। उधर, मध्य प्रदेश में भी जीत आसान नहीं दिख रही। इसके कुछ ही महीनों बाद लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में अगर विधानसभा चुनावों में विपक्ष को जीत मिली, तो इसका असर लोकसभा चुनावों पर भी इसका असर दिख सकता है।