Madhya pradesh jabalpur high court bans giving two months call off duty to home guards: digi desk/BHN/जबलपुर/ हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश के जरिए होमगार्ड्स की ड्यूटी में दो माह का काल आफ देने पर रोक लगा दी है। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति अमरनाथ केसरवानी की युगलपीठ ने निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता होमगार्ड सैनिकों की सेवा जारी रखी जाए। कोर्ट ने याचिका को पूर्व से लंबित मामलों के साथ लिंक करते हुए राज्य शासन, डीजी होमगार्ड व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश भी दिए।
14 होमगार्ड सैनिकों ने लगाई थी याचिका
दमोह होमगार्ड्स में पदस्थ लच्छू गाेंड सहित 14 होमगार्ड सैनिकों ने याचिका दायर कर सरकार द्वारा 13 सितंबर 2022 को होमगार्ड रूल्स 2016 में किए गए संशोधन को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विहाग दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के काल आफ को बदलकर तीन साल में दो माह का काल आफ कर दिया गया। वर्ष 2010 में होमगार्ड्स कर्मचारियों द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर द्वारा याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने सहित अन्य लाभ की प्रार्थना की गई थी।
2011 में हाई कोर्ट ने स्वीकार की थी याचिका
वर्ष 2011 में हाई कोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि होमगार्डस की सेवा नियम बनाकर उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए। इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को यथावत रखा। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाए और आदेश के विपरीत पुनः एक वर्ष में दो माह का बाध्य काल आफ का प्रविधान रख दिया। इसे लेकर कई याचिकाएं हाई कोर्ट में लंबित हैं। वर्ष 2020 में होमगार्ड विभाग द्वारा बाध्य काल आफ का आदेश जारी किया गया जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। हाई कोर्ट ने विभाग के आदेश पर स्टे कर दिया। जब विभाग ने आदेश का पालन नहीं किया तो अवमानना याचिकाएं दायर की गईं।