Madhya pradesh bhopal mp election 2023 shivrajs quick announcements put a stop to congress aggression opposition leaders are looking for a bite: digi desk/BHN/भोपाल/।विधानसभा चुनाव में 100 दिन से भी कम समय शेष है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ताबड़तोड़ घोषणाओं ने कांग्रेस नेताओं की नींद छीन ली है। मुख्यमंत्री ने मार्च में लाड़ली बहना योजना की घोषणा की थी, कांग्रेस इससे ठीक से उबर भी नहीं पाई थी कि ग्राम सरकार में मुख्य भूमिका निभाने वाले पंचायत सचिवों को सरकार ने साध लिया।
उन्हें सातवें वेतनमान सहित अन्य लाभ दे दिए, ऐसे ही संविदा कर्मचारियों, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की वर्षों पुरानी मांगें मुख्यमंत्री ने पूरी कर दीं। ग्रामीण स्तर पर सरकार के प्रतिनिधि की भूमिका निभा रहे मुख्यमंत्री जनसेवा मित्रों को भी सरकार ने सेवाएं निरंतर रखने का उपहार दिया है। ऐसे में कांग्रेस को इन घोषणाओं की काट नहीं मिल रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री घोषणा करने के साथ उन पर अमल भी तुरंत शुरू कर रहे हैं।
घोषणा के तुरंत बाद आदेश जारी होने से कर्मचारियों एवं आमजन का सरकार पर भरोसा बढ़ रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। कल तक जहां भाजपा कमजोर नजर आ रही थी, तो मुख्यमंत्री की घोषणाओं ने स्थिति में थोड़ा सुधार किया है। अब कांग्रेस कमजोर नजर आ रही है।
यह दौर चुनाव तक ऐसे ही चलता रहेगा। इस बार का चुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए आसान नहीं है। जहां भाजपा पांचवीं बार सत्ता में काबिज होने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है, तो कांग्रेस भी दोबारा सत्ता पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है।
उन्होंने बिजली बिल सौ यूनिट तक माफ और दो सौ यूनिट तक हाफ करने की घोषणा की है, तो किसानों की कर्जमाफी के साथ उन्हें पांच हार्स पावर तक पंप के लिए निश्शुल्क बिजली, किसानों का बकाया बिजली का बिल माफ, 12 घंटे निर्बाध बिजली, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, रसोई गैस पांच सौ रुपये में देने और लाड़ली बहना योजना की काट के रूप में नारी सम्मान योजना प्रारंभ करने की घोषणा की है, जिसमें महिलाओं को 1500 रुपये माह दिए जाने हैं। इनमें से अधिकतर घोषणाएं राज्य सरकार की घोषणाओं की काट है।
2018 के चुनाव में भी कांग्रेस-भाजपा में कांटे की टक्कर थी, दो विधानसभा सीटों से जीत-हार का निर्णय हुआ। कांग्रेस ने निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर सरकार का दावा पेश किया और सरकार बना भी ली, लेकिन चला नहीं पाए।
मार्च 2020 में कांग्रेस के मंत्री और विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा की सरकार बनी। चुनी गई सरकार को गिराकर सरकार बनाने के मुद्दे पर कांग्रेस 2023 का चुनाव लड़ना चाहती थी, पर मुख्यमंत्री की घोषणाओं ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।
मुख्यमंत्री ने वर्षों से नाराज चल रहे कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता, पदोन्नति के विकल्प के रूप में वरिष्ठ पद का प्रभार, संविदा कर्मचारियों, पंचायत सचिव को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं देने सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा-ऊषा कार्यकर्ता, ग्राम रोजगार सहायक की मांगें पूरी कर दी हैं। परिस्थिति में सबसे बड़ा परिवर्तन लाड़ली बहना योजना लाई है, जिसने भाजपा को संजीवनी दी है।