National modi surname remark rahul gandhi petition in supreme court senior advocate abhishek singhvi: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राहुल की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष का पक्ष वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। उन्होंने कहा कि शिकायकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है। उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया। कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के दौरान जिन लोगों का नाम लिया। उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया। इस समुदाय से सिर्फ बीजेपी के पदाधिकारी मुकदमा कर रहे हैं।
राहुल गांधी के वकील सिंघवी की दलील
वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जज इसे नैतिक अधमता से जुड़ा अपराध मानते हैं। यह गैर-संज्ञेय और जमानत अपराध है। मामले में कोई अपहरण, रेप या मर्डर नहीं किया गया है। यह नैतिक अधमता से जुड़ा अपराध कैसे बन सकता है। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में हम असहमति रखते हैं। राहुल गांधी कट्टर अपराधी नहीं है। राहुल पहले ही संसद के दो सत्रों से दूर रह चुके हैं।’
पूर्णेश मोदी के वकील की दलील
शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि पूरा भाषण 50 मिनट से अधिक समय का था। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भाषण के ढेर सारे सबूत और क्लिपिं संलग्न है। जेठमलानी ने कहा, राहुल गांधी ने द्वेषवश एक वर्ग को बदनाम किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ है, बल्कि उन्हें चुनने वाले वोटर्स का अधिकार प्रभावित हुआ। SC ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं। सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।’ सर्वोच्च न्यायालय ने आगे कहा कि निचली अदालत के जज ने अधिकतम सजा देने का कारण नहीं बताया है। ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।
आज खुशी का दिन है- सांसद चौधरी
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज खुशी का दिन है। मैं आज ही लोकसभा अध्यक्ष को लेटर लिखूंगा और बात करूंगा।