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Crime: मेडिकल छात्रा खुदकुशी प्रकरण, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष को हटाने की मांग पर अड़े जूडा

Madhya pradesh bhopal bhopal news medical student suicide case relatives accuse gmc management of harassment: digi desk/BHN/भोपाल/ गांधी मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या के बाद आक्रोशित जूनियर डाक्टरों ने मंगलवार दोपहर से काम बंद कर दिया। मृत डाक्टर के सहपाठी प्रसूति विभाग के सभी 52 जूनियर डाक्टरों ने सोमवार से ही काम बंद कर चुके हैं। मंगलवार दोपहर 12 बजे जब बाला का पोस्टमार्टम हुआ तब तक सभी विभागों के 250 से अधिक जूनियर डाक्टरों (जूडा) ने हड़ताल को समर्थन दे दिया था। डाक्टरों की मांग है कि छात्रा की मौत के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय होनी चाहिए। इसके बाद से ही वे काम पर लौटेंगे। डीन और सीनियर डाक्टरों ने उन्हें मनाने की कोशिश की लेकिन जूनियर डाक्टरों ने कार्रवाई हुए बिना काम पर लौटने से साफ मना कर दिया है। ऐसे में गांधी मेडिकल कालेज से संबद्ध हमीदिया में बुधवार से हड़ताल का असर दिखने लगा है।

जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. संकेत सीते का कहना है कि सभी की मांग है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एचओडी अरुणा कुमार इस्तीफा दें या जब तक जांच चल रही है तब तक उन्हें निलंबित किया जाए। इसके बाद ही डाक्टर हड़ताल पर लौटेंगे। बढ़ते दबाव के बाद प्रबंधन ने तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है, जिसे अगले चार दिनों में अपनी रिपोर्ट देना होगी।

पति जय बोले, 36 घंटे ड्यूटी के बाद भी ले रहे थे काम

गांधी मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टर (जूडा) बाला सरस्वती से 36 घंटे काम कराया जा रहा था। पति जयवर्धन चौधरी ने पत्नी की मौत के लिए विभाग की तीन महिला डाक्टरों को जिम्मेदार ठहराया है। बाला के पोस्टमार्टम के दौरान पोस्टमार्टम रूम के बाहर मौजूद पति जयवर्धन ने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एचओडी अरुणा कुमार, डा.नंदनी, डा.पल्लवी सिंह और डा. रेखा वाधवानी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया और कहा कि वे बाला को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करती थीं और अत्यधिक काम के दबाव के बाद जब वे टूट जाती तो कामचोर कहकर अपमानित करती थीं। इन पर कार्रवाई की मांग भी की है। जय बताते हैं कि रविवार को पत्नी और मैं घूमने गए थे। हबीबगंज के एक होटल में खाना खाया था। अचानक पत्नी की ड्यूटी का मैसेज देखा तो शाम सवा चार बजे लौट आए। पत्नी अस्पताल चली गई। ड्यूटी से लौटने के बाद उसने फिल्म देखी। साथ खाना खाया। दोनों एक ही रूम में सो रहे थे, कब सरस्वती उठकर दूसरे रूम में चली गई? पता नहीं चला। सुबह 6.55 पर उठा तो सरस्वती पूजा वाले रूम में एक करवट सो रही थी। पास जाकर देखा तो उसके होंठ नीले हो चुके थे। तभी समझ में आ गया था कि उसने कुछ गलत कर लिया है। फोन पर साले शेशू को घटना की जानकारी दी। पड़ोस में रहने वाले आसिम को मदद के लिए बुलाया। वे आटो लेकर आए। मैं सरस्वती को लेकर हमीदिया अस्पताल पहुंचा। डाक्टरों ने चेक करने के बाद में उसे मृत घोषित कर दिया।

थीसिस जमा करने में छह माह पीछे थी सरस्वती

सरस्वती एक सेमेस्टर पीछे चल रही थीं। उनके बैच के अंतिम वर्ष की परीक्षा जून में खत्म हो चुकी थी, लेकिन फर्स्ट ईयर में बीमारी के कारण वे परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई थीं। अगले महीने उन्हें थीसिस जमा करना था। ज्यादातर स्टूडेंट की इंटर्नशिप जुलाई के अंतिम सप्ताह में पूरी हो चुकी है, ऐसे में उन पर इसे पूरा करने का बहुत दबाव था।

अगस्त में बहन की सगाई

बाला सरस्वती के पिता बेंगलुरु में बिल्डर हैं। उनका छोटा भाई वहीं से एमबीबीएस कर रहा है। छोटी बहन की 20 अगस्त को सगाई है। सरस्वती परिवार की सबसे बड़ी बेटी थीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका बेंगलुरु में ही शिफ्ट होने का प्लान था। पति जयवर्धन चौधरी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं।

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