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GyanvapiSurvey: हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी में सर्वे पर बढ़ाया स्टे, मुस्लिम पक्ष की दलील पर कल फिर होगी सुनवाई

National gyanvapi asi survey there will be asi survey in gyanvapi campus or not high court to decide: digi desk/BHN/प्रयागराज/ ज्ञानवापी परिसर में साइंटिफिक सर्वे पर स्टे बढ़ा दिया गया है। अदालत ने सुनवाई के लिए गुरुवार का समय दिया है। बता दें इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञानवापी परिसार में साइंटिफिक सर्वे के मामले पर बुधवार को बहस हुई। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण के अधिकारी आलोक त्रिपाठी ने कहा, ‘सर्वे में प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की जाती है। छोटी मशीन से सैंपल बताया जाता है। फोटो में क्लोजअप लिया जाता है।’ सुनवाई में मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मॉर्डन तकनीक से स्ट्रक्चर की जांच की जा सकती है। वह भी बिना नुकसान पहुंचाए।

मुस्लिम पक्ष ने पूछा, सर्वे से मस्जिद गिर गई, तो जिम्मेदार कौन

मुस्लिम पक्ष ने पहले अपनी दलीलें पेश की। कहा गया कि मस्जिद 1000 साल पुरानी है। यदि सर्वे के दौरान किसी तरह की खोदाई की गई, तो मस्जिद को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं हिंदू पक्ष ने कहा कि एएसआई वहां सिर्फ कार्बन मैपिंग करेगी, जरूरत पड़ने पर खोदाई का आखिरी विकल्प है। एएसआई की मंशा पर शक करना गलत है। कानून के दायरे में रहकर सर्वे किया जा रहा है। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या खोदाई जरूरी है।

सुुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने हिंदू पक्ष से कहा कि आप बयान दर्ज करवाएं कि सर्वे से ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। हिंदू पक्ष ने बताया कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन इससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ।

स्जिद गिरी तो जिम्मेदार कौन

मुस्लिम पक्ष ने सुनवाई के दौरान सवाल उठाया कि यदि सर्वे के कारण मस्जिद को नुकसान पहुंचा तो जिम्मेदार कौन होगा? वकील ने कहा कि ऐसा हुआ तो AG और हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन जिम्मेदार होंगे।

ASI ने भी रखा अपना पक्ष

सुनवाई के दौरान ASI ने भी अपना पक्ष रखा। अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि वे इस तरह का सर्वे पहले भी कर चुके हैं। आधुनिक उपकरणों से सर्वे किया जाएगा। ढांचे को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।

मुस्लिम पक्ष ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने आवेदन का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के आदेश में सुधार की मांग की है जिसमें मस्जिद के अंदर पूजा के अधिकार की मांग करने वाले हिंदू पक्ष की मांग पर सवाल उठाने वाली समिति की अपील को निस्तारित कर दिया गया था।मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मस्जिद समिति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सूचित करने को कहा ताकि वह पीठ के सामने पेश हो सकें।जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट में याचिका दायर करने की सलाह दी थी और बुधवार शाम 5 बजे तक सर्वे पर रोक लगा दी थी।इस बीच, ASI की टीम वाराणसी में ही है। यदि सर्वे का काम जारी रखने का आदेश होता है तो टीम इसके लिए पूरी तरह तैयार है। इससे पहले जिला अदालत के आदेश पर 30 सदस्यीय सर्वे टीम सोमवार सुबह 6.30 बजे ज्ञानवापी परिसर पहुंच गई थी। कुछ घंटे के सर्वे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।

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