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MP: चीता परियोजना की बुधवार को प्रधानमंत्री करेंगे समीक्षा, मुख्यमंत्री ने कहा-निगरानी समिति के हर निर्णय का पालन हो

Madhya pradesh bhopal cheetah project in mp the prime minister will review the cheetah project on wednesday chief minister gave these instructions: digi desk/BHN/भोपाल/आईडी कालर की रगड़ से गर्दन में घाव के कारण एक चीता की मौत और तीन अन्य के चोटिल होने की खबरों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को चीता परियोजना की समीक्षा करेंगे।

शि‍वराज ने की समीक्षा

समीक्षा की तैयारी के चलते मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परियोजना की समीक्षा की और वन अधिकारियों को चीता निगरानी समिति के प्रत्येक निर्णय का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कूनो नेशनल पार्क में रिक्त वनरक्षकों के 20 पद तत्काल भरने और पार्क से सटे पोहरी वनमंडल के 125 वर्ग किमी क्षेत्र को चीता प्रबंधन के लिए देने के भी निर्देश दिए।

वनरक्षकों के पद खाली

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान से चीतों की वर्तमान स्थिति, प्रबंधन और भविष्य के इंतजामों की जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि वनरक्षकों के पद खाली है। जिससे निगरानी में समस्या आ रही है। मुख्यमंत्री ने तत्काल सभी पद भरने को कहा।

पद भरने के लिए केंद्रीय वनमंत्री ने भी कहा था

इसके बाद वन मुख्यालय ने 20 में से नौ वनरक्षकों की पदस्थापना कर दी। वनरक्षकों की कमी की बात पहले भी सामने आई थी, केंद्रीय वनमंत्री भूपेन्द्र यादव ने भी मुख्यमंत्री से पद भरने को कहा था।

चीता प्रोटेक्शन फोर्स के गठन के भी निर्देश

मुख्यमंत्री ने चीता प्रोटेक्शन फोर्सके गठन के भी निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों ने जब कहा कि स्थानीय स्तर पर बढ़ी मेहनत की जा रही है, तो उन्होंने कहा चीते बचें रहें तो मेहनत का फल है। बैठक में वनमंत्री विजय शाह वर्चुअल शामिल हुए, तो मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव वन जेएन कंसोटिया और वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

दवाओं की कमी न आए

मुख्यमंत्री ने कहा कि चीतों के इलाज में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। सभी आवश्यक दवाएं और उपकरणों का इंतजाम रखें। उल्लेखनीय है कि नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए। वर्तमान में 10 चीते खुले जंगल में हैं और पांच बाड़ों में हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून का एक शोध दल पूर्णकालिक रूप से परियोजना के क्रियान्वयन के लिए पालपुर में मौजूद है।

आईडी कालर हटाने पर विचार, वर्षाकाल में बाड़े में रहेंगे चीते

आईडी कालर से चीतों की गर्दन में चोट का मामला सामने आने के बाद चीता निगरानी समिति चीतों की गर्दन से आईडी कालर हटाने पर विचार कर रही है। इस पर एक-दो दिन में अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। ऐसे में खुले जंगल में घूम रहे सभी चीतों को फिर से बाड़ों में कैद किया जाएगा। अभी वर्षाकाल तक उन्हें बाड़ों में रखने की बात कही जा रही है। उसके बाद हालात काे देखकर निर्णय लिया जाएगा।

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