भोपाल/ सीधी, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सीधी पेशाब कांड में हर दिन नया तथ्य सामने आ रहा है। सोमवार को पीड़ित दशमत रावत का एक और वीडियो सामने आया, जिसमें वह दावा कर रहा है कि वीडियो में आरोपी प्रवेश शुक्ला जिस व्यक्ति पर पेशाब कर रहा है, वह मैं नहीं हूं। मैंने थाने जाकर भी कहा था कि वीडियों में मैं नहीं हूं, कलेक्टर साहब से भी यह कहा, लेकिन प्रवेश शुक्ला के कहने के कारण स्वीकार कर लिया था कि ठीक है, हम ही हैं।
वीडियो में वह यह जरूर कह रहा है कि उस समय मैं भी होश में नहीं था, मैंने भी दवाई (शराब) ली हुई थी। बता दें कि कुछ दिन पहले दशमत का एक वीडियो बहुप्रसारित हुआ था, जिसमें वह कह रहा था कि आरोपी प्रवेश शुक्ला को सजा मिल गई है, अब उसे छोड़ दिया जाए।
उधर, सीधी के पुलिस अधीक्षक रवींद्र वर्मा ने दावा किया कि पेशाब कांड का वीडियो वर्ष 2020 में बनाया गया था। बनवाने वाले का भी पता चल गया है। इसे अब तक क्यों रखा गया था और अब क्यों बहुप्रसारित किया गया, इसकी पड़ताल की जा रही है, लेकिन सभी तरह की जांच में यह तथ्य पुष्ट हुआ है कि पीड़ित दशमत रावत ही वीडियो में है।
शपथ पत्र में भी दशमत कह चुका है वीडियों को फर्जी
यह दूसरा अवसर है जब दशमत रावत अपने बयान से पलटा है। पेशाब कांड का वीडियो बहुप्रसारित होने के बाद भी दशमत ने एक शपथ पत्र दिया था कि आदर्श शुक्ला और अन्य मेरे ऊपर दबाव बनाते हैं कि प्रवेश शुक्ला पर एफआइआर दर्ज कराओ, हम आपको पैसा देंगे। इस शपथ पत्र में भी उसने नशे में होने की बात कही थी, साथ में यह भी कहा कि यह वीडियो फर्जी है। इस मामले में भी सीधी के एसपी ने बताया कि छानबीन में यह स्पष्ट हो चुका है कि शपथ पत्र दशमत ने आरोपी के चाचा के दबाव में बनवाया था।
भाजपा का आरोप, कमल नाथ सरकार के कार्यकाल में बना था वीडियो
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि सीधी के पेशाब कांड का वीडियो कमल नाथ सरकार के समय का है। भाजपा की जांच कमेटी और प्रशासन की रिपोर्ट आने वाली है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी यही है कि वीडियो 2019-20 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाया गया था।
इनका कहना है
इंटरनेट मीडिया के जमाने में किसी की मनोदशा को समझ पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन कल तक जो एकदम साधारण जीवनयापन कर रहा हो और अचानक उसे चकाचौंध मिल जाए तो उसके मानवीय स्वभाव में बदलाव आना स्वाभाविक गुण है। ऐसे वो चकाचौंध में बने रहने के लिए किसी भी माध्यम (इंटरनेट मीडिया) का पूरा उपयोग करता है।
प्रख्यात मनोचिकित्सक डा सत्यकांत त्रिवेदी