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MP: मूसलाधार बारिश के बीच निकली भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर की सवारी

Madhya pradesh khandwa omkareshwar lord omkareshwar and mamleshwar ride came out amidst the rain: digi desk/BHN/खंडवा,ओंकारेश्वर/ओंकारेश्वर में सावन के पहले सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकालें। सांय चार बजे झमाझम बारिश के बीच दोनों सवारियां मंदिरों से रवाना होकर घाटों पर पहुंची। यहां पूजन-अभिषेक के बाद नर्मदा में नौका विहार कराया गया। इस दौरान पुष्प वर्षा और जय ओंकार व भोले नाथ के जयकारो से तीर्थनगरी गूंज उठी। सोमवार सुबह साढ़े चार बजे मंदिर के द्वार खुलते ही श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया।

श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन की ओर से जरूरी व्यवस्थाएं की गई है। भीड़ नियंत्रण के लिए दर्शन व्यवस्था में आंशिक बदलाव कर श्रद्धालुओं को रैंप से होकर बाहर निकलने की व्यवस्था की गई है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सोमवार सुबह भगवान का फूलों से शिवलिंग का श्रंगार किया गया। ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के पट श्रद्घालुओं के लिए दर्शनार्थ खुलने के बाद दिनभर दर्शन और पूजन का सिलसिला चला। वर्षा के बाद भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ।

दोपहर तीन बजे बाद अचानक तेज वर्षा शुरू होने से तीर्थनगरी तरबतर हो गई। शाम चार बजे ओंकारेश्वर भगवान की सवारी फूलों से सजी पालकी में सवार होकर आदि शंकराचार्य की गुफा के सामने से होती हुई कोटितीर्थ घाट पहुंची। यहां पंचमुखी रजत प्रतिमा को नर्मदा जल से ओंकारेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा स्नान कराया गया। इसके बाद आचार्य और पंडितों द्वारा महाआरती, रूद्र अभिषेक किया गया। अनुष्ठान के बाद भगवान ओंकारेश्वर को नौका विहार करवाया गया।

नर्मदा नदी में एक साथ किया नौका विहार

ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान की सवारी मंदिर से साढ़े चार बजे निकली। निर्वाणी घाट पर ममलेश्वर मंदिर के पुजारी व पंड़ितों द्वारा भगवान ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग का अभिषेक कर नौका विहार कराया गया। नर्मदा नदी में भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर की सवारियों ने एक साथ नौका विहार किया। नाविकों द्वारा पांच नावों से मुख्य मंदिर के ठीक सामने नर्मदा के जल में परिक्रमा कराई गई। नर्मदा तट व दोनों पुलों पर मौजूद भक्तों द्वारा भगवान की सवारियों पर पुष्पवर्षा की गई।

नगर के मुख्य बाजार से सवारियां जेपी चौक पहुंची। यहां से भगवान ओंकारेश्वर की सवारी पुराने झूला पुल से शिवपुरी मुख्य बाजार होते हुए रात में मंदिर पहुंची। मंदिर में पंड़ित डंकेश्वर दीक्षित द्वारा शयन आरती करवाई गई। इसी तरह जेपी चौक से भगवान ममलेश्वर की सवारी लौटकर गौमुखघाट जूना अखाड़े के सामने से होते हुए रात करीब नौ बजे मंदिर पहुंची।

ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के व्यवस्थापक और सवारी प्रभारी पंड़ित आशीष दीक्षित ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को इंद्रदेव की जमकर कृपा बरसी। इस सीजन की यह पहली तेज वर्षा थी। सवारी कोटितीर्थ घाट पहुंचने पर भगवान ओंकारेेश्वर का पूजन और अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान को नौका विहार करवाया गया। सावन अधिका मास की वजह के आठ सावन और एक भादौ के सोमवार पर परंपरा के अनुरूप भगवान की सवारी निकाला जाएगी।

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