Madhya pradesh sheopur cheetah in mp cheetahs will be able to live in the nearby forest outside kuno decided in the steering committee meeting: digi desk/BHN/ग्वालियर/ ग्वालियर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में विचरण कर रहे चीते यदि नजदीकी जंगल में जाते हैं और वहां रहने लगते हैं तो उन्हें रहने दिया जाएगा। यदि चीतों को या फिर चीतों से किसी को खतरा नहीं होगा तो उन्हें ट्रैंक्युलाइज कर वापस नहीं लाया जाएगा। हाल ही में ग्वालियर में हुई चीता स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में चीतों को रेंज फ्री करने का निर्णय लिया गया है।
दरअसल शुरुआत में नर चीता पवन और मादा चीता आशा कूनो के जंगल से निकलकर उत्तर प्रदेश की ओर बढ़े थे। दोनों को ट्रैंक्युलाइज कर वापस कूनो के बाड़े में लाना पड़ा था। अब चीते अगर उत्तर प्रदेश या दूसरी रेंज के जंगल में जाते हैं तो उन्हें वहां भी रहने दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश की सीमा में भी नजर रखेगी ट्रैकिंग टीम कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि चीतों के लिए अब जंगल की सीमा नहीं होगी।
चीते अगर कूनो से नजदीकी राजस्थान या उत्तर प्रदेश के जंगल में भी जाएंगे तो ट्रैकिंग टीम उनके पीछे जाकर निगरानी करेगी। उत्तर प्रदेश या दूसरे जंगल में स्थानीय अमला टीम की मदद करेगा।
बता दें कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश के अधिकारी भी शामिल हुए थे। कूनो के जंगल में 10 चीते नर पवन, मादा आशा, चीता धीरा, वीरा, गामिनी, धात्री, निर्वा, नर चीता गौरव, सूरज, शौर्य रह रहे हैं। सात नर-मादा चीते और एक शावक बाड़े में है।
चीतों को बार-बार ट्रैंकुलाइज नहीं किया जाएगा पवन और आशा के कूनो से निकलकर दूसरे जंगल में जाने की आदत से ही मानीटरिंग कर रहे अफसरों ने रेंज फ्री किए जाने पर विचार किया। यह निर्णय लिया गया कि नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को लंबे समय तक बाड़े में या निश्चित सीमा के जंगल में रखना ठीक नहीं है।
ऐसे में तय किया गया है कि चीते अपने हिसाब से जंगल में घूमकर अपना ठिकाना बनाएंगे। खुले जंगल में रहने वाले चीतों को तब तक वापस नहीं जाएगा जब तक उनकी जान को खतरा नहीं हो। चीतों से किसी को खतरा होने पर भी उन्हें बाड़ों में लाया जाएगा।
चीतों के लिए अब रेंज फ्री जंगल किया गया है। कूनो के खुले जंगल के चीते अब कहीं भी जा सकेंगे। हमारी ट्रैकिंग टीम वहां स्थानीय अमले के साथ उनकी निगरानी करेगी।