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Satna: 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में तत्कालीन निगमायुक्त कथूरिया को 5 साल के कारावास की सजा, 1 लाख का जुर्माना भी ठोका

  • 26 जून 2017 को 22 लाख रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त रीवा की टीम ने शासकीय आवास से किया था गिरफ्तार
  • कथूरिया को सुनाई गई दोनो सजाएं साथ-साथ चलेंगी
  • नर्सिंग होम के संचालक से तीसरी मंजिल के अवैध निर्माण को न तोड़ने के एवज में मांगी थी 50 लाख की मोटी रकम

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना के बहुचर्चित रिश्वत कांड में सोमवार को अदालत का फैसला आ गया। अदालत ने सतना नगर निगम के पूर्व आयुक्त सुरेंद्र कथूरिया को 5 साल की जेल और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

पीसी एक्ट की स्पेशल कोर्ट ने सतना नगर निगम के पूर्व कमिश्नर एवं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुरेंद्र कथूरिया को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में कथूरिया को 5 वर्ष एवं 4 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। दोनों ही धाराओं में 50- 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। कथूरिया को सुनाई गई दोनो सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

पूर्व नगर निगम कमिश्नर सुरेंद्र कथूरिया को 26 जून 2017 को 22 लाख रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त रीवा की टीम ने रंगे हाथ शासकीय आवास से गिरफ्तार किया था। सरकारी बंगले से 12 लाख रुपए की नगदी और लगभग 10 लाख रुपए मूल्य के सोने के साथ कथूरिया को पकड़ा गया था। रिश्वत की यह रकम तब के कमिश्नर ने सतना नर्सिंग होम के संचालक डॉ राजकुमार अग्रवाल एवं उनकी पत्नी डॉ सुचित्रा अग्रवाल से नर्सिंग की तीसरी मंजिल के अवैध निर्माण को न तोड़ने के एवज में ली थी। डिमांड 50 लाख रुपए की थी जिसकी पहली किश्त के तौर पर नगदी और सोना लेते हुए कथूरिया को पकड़ा गया था।

यह कार्रवाई लोकायुक्त डीएसपी देवेश पाठक के नेतृत्व में आई टीम ने की थी। उस वक्त शिकायतकर्ता डॉ राजकुमार अग्रवाल ने बताया था कि कथूरिया ने उनसे 40 लाख नगद और सोने के मेढ़क समेत 10 लाख का सोना मांगा था। इतनी रकम दे पाने में उन्होंने असमर्थता जताई थी लेकिन कथूरिया कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थी लिहाजा उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी रीवा से की थी। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुरेंद्र कुमार कथूरिया अपर कलेक्टर भी रहे हैं। सिंहस्थ में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित भी किया था। ट्रैप होने के बाद अवॉर्ड वापस ले लिया गया था।

6 साल बाद आया फैसला

इस बहुचर्चित रिश्वतकांड का फैसला ट्रैप कार्रवाई के 6 साल 7 दिन बाद आया। प्रकरण में राज्य शासन की तरफ से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी फखरुद्दीन ने की। अदालत ने सुरेंद्र कुमार कथूरिया पिता स्व सत्यनारायण कथूरिया 46 वर्ष निवासी भोपाल टॉकीज के पास शक्ति जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ को पीसी एक्ट 1988 की धारा 7 में 4 वर्ष की कैद व 50 हजार पेनाल्टी तथा 13(1)D,13(2) में 5 वर्ष की कैद एवं 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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