Madhya pradesh bhopal sickle cell anaemia 38 lakh people will be screened for sickle cell in madhya pradesh this year treatment centers in 20 tribal dominated districts: digi desk/BHN/भोपाल/ सिकल सेल एनीमिया का पता लगाने के लिए प्रदेश में तीन वर्ष में एक करोड़ 11 लाख लोगों की जांच की जाएगी। 2023 में 38 लाख लोगों की जांच का लक्ष्य है। इनमें पांच लाख की जांच हो चुकी है।
अभी तक किसी भी बीमारी के लिए अस्पताल पहुंचने वाले रोगियों की जांच की जा रही थी, लेकिन जल्द ही प्वाइंट आफ केयर (पीओसी) की सुविधा शुरू की जाएगी। इसमें प्रदेश के आदिवासी बहुल 20 जिलों के 89 विकासखंडों में जन्म से 40 वर्ष की उम्र के लोगों की घर-घर जाकर जांच की जाएगी। पाजिटिव लोगों की अन्य जांचें भी की जाएंगी, जिससे उनकी दूसरी बीमारियां भी पता चलेंगी।
पाजिटिव मिलने के बाद रोगियों की जांच की जाएंगी कि उनमें सिकल हीमोग्लोबिन कितना है। इसी आधार पर बीमारी की गंभीरता पता चलेगी। बता दें कि तीन वर्ष में देश भर में सात करोड़ लोगों का रक्त परीक्षण मप्र सहित 17 राज्यों में किया जाना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को शहडोल से सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ किया है। मिशन से इस बीमारी में मृत्यु दर कम करने में भी सहायता मिलेगी। उल्लेखनीय है कि इस रोग में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार गोल होने की जगह हंसिया की तरह हो जाता है। इससे रोगी के शरीर में रक्त की कमी हो जाती है। बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है। इस कारण दूसरी बीमारियां भी हो जाती हैं।
एकीकृत उपचार केंद्रों में यह मिलेंगी सुविधाएं–
- -डे-केयर सेंटर शुरू किए जाएंगे। यहां दिन-दिन में रोगियों को भर्ती भी किया जाएगा।
- – रक्ताधान की सुविधा रहेगी।
- – बार-बार रक्त चढ़ाने से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी जांच और उपचार किया जा सकेगा।
- – काउंसलिंग केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। जहां उन्हें विवाह के बाद संतान पर पड़ने वाले प्रभाव और पाजिटिव होने की स्थिति में अच्छी जीवन शैली के बारे में बताया जाएगा, जिससे वह सामान्य जीवन जी सकें।
- – सामाजिक न्याय विभाग की ओर से उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया जाता है, जिसकी जानकारी यहां दी जाएगी।