Madhya pradesh ratlam officers surrounded by allegations of bribery said no matter what the transfer is the minister has to pay two lakh rupees: digi desk/BHN/रतलाम/ सुशासन के दावों के बीच भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें जमकर हो रही हैं और आरोपों से घिरे अधिकारी भी मनमाना बयान दे रहे हैं। शुक्रवार को प्रभारी उपसंचालक पशु चिकित्सा डीके जैन के खिलाफ रिश्वत मांगने व परेशान करने की शिकायत विभाग के कर्मचारी व सेवानिवृत कर्मचारियों ने की तो जैन ने अजीब बयान दे डाला।
मीडिया में दिए बयान में जैन ने कहा कि ट्रांसफर प्रशासनिक हो या स्वयं के व्यय पर, मंत्री को दो लाख रुपये देना पड़ते हैं। मैं इतनी राशि कहां से लाऊंगा, मैंने किसी का ट्रांसफर नहीं कराया। बहस के बीच भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा भी जैन पर जमकर नाराज हो गए। मामले में कार्रवाई की तैयारी है।दरअसल जिले के पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उपसंचालक का आडियो और वीडियो कुछ दिनों से बहुप्रसारित हो गया है।
आडियो में उपसंचालक डीके जैन विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से वेतन निकलवाने के लिए 2 हजार रुपये मांग रहे हैं। कर्मचारी ने 500 रुपये पहले देने का हवाला दिया तो रिपोर्ट सही नहीं आने व 10 दिन का वेतन अटकने की बात कही जा रही है।एक अन्य आडियो में हितग्राही से फार्म भरने के नाम पर 2 हजार रुपये की मांग की जा रही है। इधर उपसंचालक जैन का एक वीडियो भी जारी हुआ है, जिसमें वे हितग्राही से रुपये लेते दिखाई दे रहे हैं।
विभाग के कर्मचारी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में सांसद गुमानसिंह डामोर से शिकायत करने पहुंचे तो गेट पर ही भाजपा जिलाध्यक्ष लुनेरा भी मिल गए। कर्मचारियों ने उन्हें अपनी समस्या बताई तो डा. जैन ने उन्हें रोककर शिकायतें निराधार होने की बात कहने लगे।करीब आधे घंटे तक बहस चलती रही और इस दौरान जैन ने कहा कि मुझे मोदी भक्त कहते हैं। इससे लुनेरा भड़क गए और कहा कि यह रवैया ठीक नहीं है। इतने सारे कर्मचारी आए हैं तो कुछ वजह तो होगी।
पत्र में लिखा मुझ गरीब को परेशान करते हो
बताया जाता है कि विभाग में कर्मचारियों ने जैन के रवैये को लेकर उच्च अधिकारियों, लोकायुक्त तक शिकायत की है। इसके बाद जैन ने भी विभागीय स्तर पर एक पत्र जारी कर सभी कर्मचारियों को चेताया है कि मेरे कार्यकाल में मीटिंग में आने, वार्तालाप, शासकीय कामकाज के दौरान आडियो, वीडियो रिकार्डिंग की जाती है। मुझ गरीब को परेशान किया जाता है कि शिकायत कर देंगे। पूर्व में भी प्रमुख सचिव व मंत्री को शिकायत की गई। इस तरह से मुझ पर दबाव बनाया जाता है। भविष्य में अगर मुझे परेशान किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। 15 जून को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोई समस्या हो तो सैलाना के स्टाफ का अनुसरण कर व्यक्तिगत मिलें व चर्चा करें।