Dhar news four years imprisonment for doctor and malaria inspector who demanded bribe: digi desk/BHN/धार/ न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला धार ने सोमवार को निर्णय पारित करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में डा. मोहन गुप्ता एवं मलेरिया निरीक्षक अरविन्द्र जोशी को चार वर्ष के सश्रम कारावास व 1500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
इन दोनों को जेल भेजा गया। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद फरियादी मामले में पक्षविरोधी हो गया था। न्यायालय ने इस मामले में आरोपित को अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए उक्त सजा सुनाई है।टीसी बिल्लौरे उप संचालक अभियोजन जिला धार ने बताया कि 21 जुलाई 2017 को शिकायतकर्ता नितेश दशोधी आफसेट आपरेटर धामनोद ने लोकायुक्त कार्यालय इंदोर में शिकायत की थी कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरमपुरी में 70140 रुपये के बिल भुगतान के लिए 26000 रुपये रिश्वत राशि की मांग डा. मोहन गुप्ता एवं मलेरिया निरीक्षक अरविन्द्र जोशी द्वारा की जा रही है।
26 जुलाई 2017 को शिकायतकर्ता मलेरिया निरीक्षक अरविन्द्र जोशी से मिला तो उसके द्वारा 26000 रुपये की कमीशन के रूप में मांग की गई। शिकायतकर्ता मलेरिया निरीक्षक जोशी से मिलने गया तो उनके द्वारा बताया गया कि कमिशन 30000 रुपये ही देना पडे़गा।इस मामले में 21 जुलाई 2017 को शासकीय अस्पताल धरमपुरी भेजा गया था। जहां पर नितेश दशोधी से रिश्वत 20 हजार रुपये लेते हुए अरविन्द्र जोशी मलेरिया निरीक्षक को रंगेहाथ डा. मोहन गुप्ता की उपस्थित में पकड़ा था।
लोकायुक्त पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग छह जुलाई 2019 को न्यायालय में विचारण के लिए प्रस्तुत किया था। विचारण के दौरान अभियोजन ने मामले को प्रमाणित करने लिए 10 साक्षियों को न्यायालय में प्रस्तुत किया था। फरियादी नितेश दशोधी पक्षविरोधी हुआ और उसने अभियोजन का समर्थन नहीं किया। फिर भी न्यायालय ने मामले को प्रमाणित मानकर दंडादेश पारित किया।