National dgft has simplified and liberalized the policy for export of drones meant for civilian end uses from india: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ भारत सरकार ने नागरिक इस्तेमाल के ड्रोन के निर्यात की नीति को सरल और उदार बनाते हुए इसके निर्यात की अनुमति दे दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह निर्णय भारत की विदेश व्यापार नीति 2023 में उच्च तकनीकी वस्तुओं के निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लक्ष्य के अनुरूप लिया गया है। वाणिज्य मंत्रालय की शाखा, विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने बताया कि कुछ विशिष्टताओं वाले ड्रोन और मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) के निर्यात को ‘ड्रोन निर्यात के सामान्य प्राधिकार’ (GAED) के तहत मंजूरी दी जाएगी। इसका लाइसेंस तीन साल के लिए वैध होगा।
जानिये किनको मिली छूट
DGFT ने बताया कि स्कोमेट (SCOMET) लिस्ट में दिए गए कैटेगरी के तहत नहीं आने वाले और 25 किलोमीटर या उससे कम दूरी तक जाने में सक्षम, तथा 25 किलोग्राम से कम पेलोड वालेअसैन्य इस्तेमाल वाले ड्रोन या यूएवी का निर्यात किया जा सकेगा। बता दें कि स्कोमेट लिस्ट में विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण एवं प्रौद्योगिकी वाले उत्पाद शामिल हैं, जिनके निर्यात की मंजूरी सिर्फ निर्यात लाइसेंस जारी होने पर ही दी जाती है। इससे पहले तक सभी श्रेणियों के ड्रोन एवं यूएवी स्कोमेट सूची में ही रखे गए थे। लेकिन अब असैन्य इस्तेमाल वाले ड्रोन के निर्यात की मंजूरी दे दी गई है।
अमेरिका से करार
भारत के लिए इस क्षेत्र में एक और अच्छी खबर ये है कि पीएम मोदी की यूएस यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को हेल ड्रोन, एमक्यू-9बी देने का फैसला किया है। इससे भारतीय नौसेना, सेना और भारतीय वायुसेना की निगरानी और हमले की क्षमता बढ़ जाएगी। संयुक्त बयान में कहा गया है कि एमक्यू-9बी को भारत में असेंबल किया जाएगा और यह भारत के सशस्त्र बलों की आईएसआर (खुफिया, निगरानी और टोही) क्षमताओं को बढ़ाएगा। अमेरिकी कंपनी ने अपने ड्रोन कारोबार के लिए भारत फोर्ज के साथ गठजोड़ किया है। इससे देश में ड्रोन की तकनीक और उन्नत हो सकेगी।