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Shravan Maas: दो दशक बाद श्रावण अधिक मास, 4 से 17 जुलाई तक प्रथम शुद्ध पक्ष

Madhya pradesh ujjain shravan maas shravan adhik maas after two decades pratham shudha paksha from july 4-to17: digi desk/BHN/उज्जैन/ पंचांग की गणना के अनुसार वैसे तो आषाढ़ी पूर्णिमा से ही श्रावण माह की शुरुआत हो जाती है, किंतु पक्षकाल की गणना से हम बात करें तो श्रावण कृष्ण पक्ष प्रतिपदा 4 जुलाई से आरंभ होगा।

यह प्रथम श्रावण कृष्ण पक्ष रहेगा, जो 4 जुलाई से 17 जुलाई सोमवती हरियाली अमावस्या के साथ पहले भाग में समाप्त होगा। इसके बाद अधिक मास का आरंभ होगा, जो 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। 17 अगस्त से पुनः शुद्ध श्रावण द्वित्तीय आरंभ होगा, जो 31 अगस्त तक रहेगा। इस तरह से श्रावण और अधिक मास की गणना होगी।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया गणना के सूत्र में श्रावण के प्रथम 15 दिन शुद्ध काल के माने जाएंगे। उसके बाद एक माह अधिक मास रहेगा। उसके बाद बचे 15 दिन शुद्ध श्रावण मान जाएगा। इस दृष्टि से अधिक मास के साथ श्रावन का दिवस काल करीबन 60 दिनों का रहेगा।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सौर मास और चांद्र मास की गणना से व्रत त्योहार तथा विशेष योगों की गणना की जाती है। उन्हीं में से अधिक मास का योग संयोग हर 3 साल में बनता है। यह कभी श्रावण, कभी भादौ, कभी किसी अन्य माह में होता है। अधिक मास भगवान पुरुषोत्तम की साधना का माना गया है। इस दृष्टि से यह विशेष महत्व पूर्ण है। इस बार श्रावण अधिक मास होने से शिव व विष्णु की संयुक्त साधना होगी।

सालो बाद श्रावण में सोमवती अमावस्या का संयोग

पंचांग की गणना से देखें तो श्रावण मास में सोमवती अमावस्या का संयोग सालों बाद बन रहा है। श्रावण अधिकमास होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। खास बात यह है सोमवती अमावस्या श्रावण मास के प्रथम शुद्ध पक्षकाल में आ रही है। इसके अगले दिन से एक माह का अधिकमास शुरू हो जाएगा। सोमवती अमावस्या पर शिप्रा व सोमकुंड में स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है सोमवती अमावस्या पर सोमकुंड में स्नान करने से अश्वेघ यज्ञ करने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है।

किस पक्ष काल में कौन से प्रमुख व्रत त्योहार व संयोग

श्रावण प्रथम शुद्ध पक्ष

-6 जुलाई संकट चतुर्थी

-8 जुलाई बुद्ध ग्रह का कर्क राशि में प्रवेश

-9 जुलाई सर्वार्थसिद्धि योग

-12 जुलाई सर्वार्थसिद्धि योग

-13 जुलाई कामदा एकादशी

-17 जुलाई सोमवती अमावस्या

श्रावण अधिकमास (एक माह)

-21 जुलाई विनायक चतुर्थी

-23 जुलाई शुक्र वक्रि होंगे, सर्वार्थसिद्धि योग

-24 जुलाई बुध का सिंह राशि में प्रवेश

-29 जुलाई कमला एकादशी व्रत

-30 जुलाई प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग

-01 अगस्त व्रत की पूर्णिमा

-04 अगस्त संकष्टी चतुर्थी, शुक्र अस्त होंगे

-08 अगस्त कालाष्टमी व सर्वार्थ सिद्धि योग

-09 अगस्त अगस्त सर्वार्थ सिद्धि योग

-12 अगस्त एकादशी व्रत

-16 अगस्त अधिक मास समाप्त

श्रावण शुक्ल द्वितीय शुद्ध पक्ष

-17 अगस्त सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश

-18 अगस्त मंगल का कन्या राशि में प्रवेश, शुक्र का उदय

-19 अगस्त हरियाली तीज

-21 अगस्त नागपंचमी

-27 अगस्त पवित्रा एकादशी सर्वार्थ सिद्धि योग

-30 अगस्त यजुर्वेदीय उपाकर्म रक्षाबंधन त्योहार

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