National karnataka government withdrew anti conversion law as bjp termed it as appeasement politics: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ कर्नाटक कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए धर्मांतरण रोकथाम कानून को निरस्त करने को मंजूरी दी। ये कानून बीजेपी शासन काल में लाया गया था। गुरुवार को सिद्धारमैया सरकार केबी हेडगेवार से जुड़ा चैप्टर कर्नाटक के पाठ्यक्रम से बाहर करने के फैसले पर भी मुहर लगाई। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने बताया कि कर्नाटक कैबिनेट ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में आरएसएस संस्थापक केबी हेडगेवार और अन्य से जुड़े अध्यायों को हटाने का फैसला किया है। इसकी जगह पर सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को लिखे गए नेहरू के पत्रों और बीआर आंबेडकर पर कविता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
बीजेपी ने जताया ऐतराज
बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। ये दोनों फैसले बीजेपी शासन काल में लिये गये थे, जिसे सिद्धारमैया सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है। बीजेपी नेता अश्वत्थ नारायण ने कहा कि कांग्रेस मुसलमानों के वोट चाहती है, इसलिए तुष्टिकरण की नीति अपना रही है। उन्होंने सिद्धारमैया की सरकार पर हिंदुओं के खिलाफ होने का भी आरोप लगाया।
कैबिनेट के फैसले
इस बारे में कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने बताया कि कर्नाटक मंत्रिमंडल ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार की ओर से लाए गए धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का फैसला किया है। इस पुराने कानून को वापस लाने के लिए राज्य में APMC अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में पाठ्यपुस्तकों के पुनरीक्षण पर भी चर्चा हुई। इस दौरान राज्य कैबिनेट ने स्कूलों और कॉलेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का फैसला किया है।