Spiritual kehte hain loan astrology karj yog in kundali makes you stuck in debt : digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पौराणिक काल में ऐसा कहा जाता था कि कर्ज लेना मां लक्ष्मी को नाराज करने के समान होता है। ऐसा करने से घर से बरकत चली जाती है। व्यक्ति आर्थिक तंगी झेलना पड़ती है। यही वजह थी कि उस जमाने में लोग कम पैसे भी ही गुजार कर लिया करते थे। लेकिन किसी से कर्ज नहीं लेते थे। अब समय पूरी तरह से बदल चुका है। लोग घर, गाड़ी, बिजनेस और शादी सहित कई चीजों के लिए कर्ज लेते हैं। जब कर्ज नहीं मिलता है तो लोग परेशान होते हैं। वहीं, जब कर्ज समय पर चुकाने में दिक्कत आती हैं तो व्यक्ति की स्थिति बिगड़ने लगती है। ऐसे समय में कर्ज बोझ की तरह प्रतीत होने लगता है। अगर आपने भी लोन लिया है या लेने की सोच रहें हैं तो देखिए कि क्या आपकी कुण्डली में भी है कर्ज योग और क्या आप समय पर कर्ज चुका पाएंगे। आइए जानते हैं।
वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार ऐसे जातक जिनका जन्म वृषभ अथवा सिंह राशि में होता है। उनकी कुंडली में बुध अगर गुरु के साथ आठवें घर में हो, तब व्यक्ति का आधा जीवन सुखमय रहता है। लेकिन बाद में कर्ज के कारण तकलीफ उठानी पड़ती है। वहीं, ऐसे जातक जिनकी कुण्डली में सूर्य और शनि पहले घर में एक साथ बैठे होते हैं उनका पैसा अदालती मामलों में खर्च हो जाता है। कुंडली के बारहवें घर में सूर्य का होना बताता है कि यदि व्यक्ति का खर्च आय से अधिक होता है तो ऐसे लोग अगर व्यय पर नियंत्रण नहीं रखें तो बजट बिगड़ता जाता है। व्यक्ति कर्ज के दलदल में डूबता जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में कर्ज संबंधी विषयों के लिए कुंडली का छठा घर देखा जाता है। जिसकी कुंडली में छठे घर का स्वामी मंगल, शनि, सूर्य होता है। यह आठवें अथवा बारहवें घर में होता उन्हें कर्ज लेने से बचना चाहिए, क्योंकि कर्ज चुकाना इनके लिए काफी मुश्किल भरा होता है। कुंडली के छठे भाव का स्वामी ग्रह जिनकी कुंडली में कमजोर होता है और उस पर मंगल, शनि, राहु या केतु के प्रभाव में होता है। इन्हें भी कर्ज लेना पड़ता है और कर्ज चुकाने में कठिनाई आती है। कुंडली में दसवां, ग्यारहवां एवं दूसरा घर जिनका शुभ ग्रहों के प्रभाव में होता है वह कर्ज लेते भी हैं तो उन पर कर्ज का दबाव नहीं रहता है। आय में वृद्धि होती रहती है और समय से कर्ज मुक्त हो जाते हैं।