- 11 हजार से अधिक बच्चों को मिल रहा प्रतिभा निखारने का मौका
- सभी जिलों में हो रहे एक माह के समर कैम्प
- कला, कौशल और दक्षता के विकास के लिए गतिविधियाँ संचालित
भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुंबई/मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के दौरानपुलिस कर्मियों को तनावमुक्त रहने और परिवार एवं बच्चों पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने बच्चों में कलाए कौशलए आत्म-विश्वास, समाज-सेवा, अनुशासन, खेल भावना और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जाने का सुझाव भी दिया। इसे अमल में लाते हुए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा पहली बार प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों के साथ 22 बटालियनों एवं सभी जीआरपी यूनिटों में समर कैंप किए जा रहे हैं। एक माह तक चलने वाले इन कैंप में पढ़ाई, खेलकूद, कला, कैरियर मार्गदर्शन और अन्य गतिविधियों से बच्चों द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश का सदुपयोग किया जा रहा है, जिनमें लगभग 11 हजार से अधिक बालक-बालिकाएँ और महिलाएँ शामिल हो रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान की भावना अनुसार प्रदेश के खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे आयोजन किए गए। यूथ गेम्स के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियोंए युवाओं और बच्चों से आहवान किया था कि खूब पढ़ाई करें और खेलें भी, खेलों के विकास में कोई भी कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इसी कड़ी में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर समर कैम्प किये जा रहे हैं, जिसमें बच्चे हिस्सा लेकर अपने कौशल और प्रतिभा को निखार रहे हैं। साथ ही उनमें सामरिक क्षमताए सामूहिकताए सहनशीलता जैसे गुणों का भी विकास हो रहा है।
कैम्प में हो रही गतिविधियाँ
प्रदेश के सभी जिलों में समर कैम्प में 38 गतिविधियाँ की जा रही हैं। इन गतिविधियों में फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बेडमिंटन, कबड्डी, हॉकी, कराते, जूडो, कुश्ती, डांस, म्यूजिक, मलखंभ आर्ट एंड क्राफ्ट, एथेलेटिक्स, कम्प्यूट, क्लास, मैथ्स क्लास, स्केटिंग, शतरंज, स्पोकन इंग्लिश, ब्यूटी पार्लर, योगा, जुम्बा, रंगोली, पेंटिंग, मेहंदी, थियेटर, कुकिंग, सिलाई, घुड़सवारी, टेनिस, टेबल टेनिस, ड्रायविंग, खो.खो, मार्शल आर्ट, बॉक्सिंग, साइकिलिंग, क्रिकेट, फन गेम्स आदि शामिल हैं।
समर कैंप में दिख रहा बच्चों में उत्साह
समर कैम्प में बच्चों और महिलाओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। लगभग 700 प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चे और महिलाएँ अपना व्यक्तित्व विकास करते हुए प्रतिभा को निखार रही हैं। इन गतिविधियों से बच्चे सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
समय व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान
पुलिस द्वारा शैक्षिक विशेषज्ञ और प्रशिक्षकों के सहयोग से शुरू किए गए ग्रीष्मकालीन शिविरों में भाग लेने वाले बच्चों के समय और व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इंटरएक्टिव कार्यशालाओं की एक श्रंखला से उन्हें अपने संचार कौशलए नेतृत्व के गुणए टीम वर्क की क्षमता और समस्या को सुलझाने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ये कौशल न केवल उनके व्यक्तिगत विकास में योगदान दे रहे हैं बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी तैयार कर रहे हैं।
शिक्षा और केरियर संबंधी मार्गदर्शन
शिक्षा और केरियर की प्लानिंग के महत्व को स्वीकार करते हुए समर कैंप में चल रहे विभिन्न सत्रों में विविध क्षेत्रों के पेशेवरों द्वारा मार्गदर्शन दिया जा रहा है। सत्रों में सभी बच्चों को उनकी शैक्षिक गतिविधियों और केरियर के संबंध में निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा रहा है।
खेल और मनोरंजक गतिविधियाँ
समर कैंप्स में शारीरिक फिटनेस और खेल कौशल के महत्व पर विशेष जोर देते हुए विभिन्न खेल गतिविधियाँ चलित हैं, जिससे बच्चे शारीरिक रूप से सक्षम हो रहे हैं। साथ ही उन्हें टीमवर्क, खेल भावना और अनुशासन जैसे विभिन्न गुणों को सीखने का अवसर मिल रहा है।
युवाओं को नई उड़ान देगी मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना- मुख्यमंत्री श्री चौहान
ऑन द जॉब ट्रेनिंग की सुविधा देने योजना का आदेश हुआ जारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 17 मई को विशेष केबिनट बैठक में युवाओं के भविष्य को सँवारने वाली मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना को मंजूरी देने के ऐतिहासिक निर्णय को राज्य शासन ने दो दिन में ही आज आदेश जारी कर योजना को लागू कर दिया है। योजना में युवाओं के पंजीयन के बाद विभिन्न प्रतिष्ठानों में उन्हें हुनर सीखने की अवधि में आर्थिक सहायता के रूप में 8 से 10 हजार रूपए तक स्टाइपेंड उपलब्ध कराया जायेगा। राज्य सरकार इस योजना में प्रतिष्ठानों से अनुबंध भी करेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं को नई उड़ान देने के लिये प्रदेश में ऑन द जॉब ट्रेनिंग की सुविधा देते हुए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना लागू की गई है। योजना में कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी, 18 से 29 वर्ष के युवा, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे योजना में पात्र होंगे। चयनित युवाओं को छात्र प्रशिक्षणार्थी कहा जायेगा। प्रशिक्षण के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (¼MPSSDEGB½) द्वारा स्टेट कॉउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग ¼SCVT½ का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। युवाओं को प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड मिलेगा, कौशल उन्नयन से उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आमदनी का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।
योजना से देश और प्रदेश के प्रतिष्ठित औद्योगिक तथा निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा। प्रतिष्ठान के पास पेन नंबर और जीएसटी पंजीयन होना आवश्यक होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल के 15 प्रतिशत की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। योजना में 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 8 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वालों को 10 हजार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा। स्टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन की ओर से प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधित प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करानी होगी।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति द्वारा योजना का संचालन किया जाएगा। कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव समिति के सदस्य सचिव होंगे। वित्त, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्यम, श्रम, उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव समिति के सदस्य होंगे।