Monsoon 2023 this is the reason for unseasonal rains will it affect monsoon understand el nino effect here:: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हाल ही देश के अधिकांश राज्यों में मार्च-अप्रैल के साथ-साथ मई माह में भी बेमौसम बारिश होने के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि क्या इसका असर मानसून पर हो सकता है। बेमौसम बारिश ने इस बार गर्मी और लू के थपेड़ों से भले ही राहत दी हो लेकिन मौसम चक्र में बदलाव की आशंका को पैदा कर दिया है। यहां जानें कि इस साल इतनी बेमौसम बारिश क्यों हो रही है और इस मानसून पर कोई असर होगा या नहीं। साथ ही यह भी जानें कि अल नीनो इफेक्ट क्या होता है, जो हर साल में एक या दो बार मौसम चक्र को प्रभावित करता है।
भारत में मानसून का समय
मौसम विभाग के मुताबिक 1 मई से 10 मई तक उत्तर भारत के साथ-साथ पूर्वी भारत के भी कई राज्यों में बारिश हुई है और अप्रैल-मई में गर्मी के स्थान पर ठंडी हवाएं चल रही थी। ऐसे में भारत में मानसून का समय प्रभावित हो सकता है। भारत में आमतौर पर मानसून का समय 15 जून से शुरू हो जाता है।
इन दो कारणों से हो रही बेमौसम बारिश
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डीपी दुबे का कहना है कि बेमौसम बारिश दो वजह से हो रही है। पहला प्रमुख कारण है स्थानीय स्तर पर मौसमी गतिविधियों के कारण सिस्टम का तैयार होना, दूसरा कारण है क्लाइमेट चेंज। डीपी दुबे का कहना है कि फिलहाल जो बेमौसम बारिश हो रही है, वह बंगाल की खाड़ी से आने वाले पूर्वी और दक्षिणी हवाओं के कारण हो रही है। फिलहाल अरब सागर से पश्चिमी हवाएं बह रही हैं। यह दोनों हवाएं मध्य प्रदेश में मिल रही हैं और इस कारण बेमौसम बारिश के हालत निर्मित हो गए हैं।
अलनीनो इफेक्ट से भी बिगड़ता है सिस्टम
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक कई बार बेमौसम बारिश के कारण अल-नीनो इफेक्ट भी होता है। अल-नीनो उस भौगोलिक स्थिति को कहा जाता है, जब प्रशांत महासागर के सतह का तापमान सामान्य से बहुत ज्यादा हो जाता है और इस कारण से दुनिया के अधिकांश देशों में बहुत अधिक बारिश होती है। इस समुद्री घटना को ही अल नीनो इफेक्ट कहा जाता है और इस कारण से समुद्र के सतही तापमान में 4-5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो जाती है।
बेमौसम बारिश का मानसून पर असर
मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे के मुताबिक मानसून के अनुकूल परिस्थितियों के लिए हीटिंग बहुत ज्यादा जरूरी होती है। ऐसे में यदि अप्रैल और मई माह में बेमौसम बारिश होने के कारण अधिक गर्मी नहीं पड़ती है तो इसका असर मानसून पर हो सकता है। मानसून सामान्य से कम होने की आशंका रहती है।