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MP: पुल की रेलिंग तोड़ 50 फीट नीचे नदी में गिरी बस, 25 लोगों की मौत

Madhya pradesh khargone khargone bus accident bus fell down from bridge in khargone district 25 people died: digi desk/BHN/खरगोन/ खरगोन जिले के ग्राम टांडा बरुड़ के पास श्रीखंडी गांव से इंदौर की जा रही बस मंगलवार सुबह करीब 8.30 बजे डोंगरगांव व दंसगा के बीच बोराड़ नदी के पुल की रेलिंग तोडते हुए नीचे गिर गई। बताया जा रहा है बस पुल की रांग साइड की रेलिंग तोड़ते हुए करीब 50 फीट नीचे जा गिरी। हादसे में 25 लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। 30 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को डोंगरगांव प्राथमिक उपचार के बाद खरगोन जिला अस्पताल रेफर किया गया है। मृतकों में दो बच्चे और करीब छह महिलाएं और अन्य पुरुष शामिल हैं।

ओवरलोड होकर गुजरती हैं बसें

जैसे ही हादसे की सूचना लोगों को लगी, मौके पर भीड़ जुट गई। लोगों ने घायलों के बस के कांच फोड़कर बाहर निकाला। पलटी हुई बस को सीधा किया। मौके पर एसपी, कलेक्टर, एसडीओपी और प्रतिनिधि पहुंचे। विधायक रवि जोशी से ग्रामीणों ने चर्चा में कहा कि यहां से रोजाना बसें ओवरलोड होकर तेज रफ्तार में गुजरती हैं, ग्रामीणों के रोकने-टोकने पर बस वाले विवाद करने पर उतारू हो जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बस वाले टाइम कवर करने के चक्कर में यात्रियों की जान जोखिम में डालते हैं। आरटीओ का इस ओर ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि रोड तो अच्छा है, लेकिन घुमावदार है और पुल, पुलिया भी घुमावदार और अंधे मोड़ों के पास है।

घायलों के स्वजन ग्राम घटवा निवासी रवि वास्कले और सुंदर लाल वास्कले ने बताया कि हमारे परिवार के 10 लोग इसी बस में सवार थे। वे लोग लोनारा में शादी में शामिल होने के बाद वापस अपने घर जा रहे थे। हमारे परिवार के तीन लोगों की हादसे में मौत हो चुकी है।

पिपरी निवासी गीता बाई ने रोते-बिलखते हुए बताया हमारे परिवार के आठ सदस्य बस में सवार थे, वे लोग पिपरी से पंधानिया शादी में शामिल होने जो रहे थे। इनमें तीन लोगों की हादसे में मौत हो चुकी है। अन्य लोग खरगोन में भर्ती हैं।

सीपीआर तकनीक से बचाने की कोशिश की

सेगांव के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ पारस पाटीदार भी मौके पर पहुंचे और घायलों को देखते ही सीपीआर तकनीक के माध्यम से उनकी जान बचाने की कोशिश की। हादसे के बाद ग्रामीण भी तत्काल मौके पर पहुंचे और एंबुलेंस का इंतजार न करते हुए अपने-अपने वाहनों से तुरंत घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बस हादसे पर जताया दुख

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ट्वीट कर बस हादसे पर दुख जताया, उन्होंने लिखा खरगोन, मध्यप्रदेश में हुए बस हादसे में कई लोगों के हताहत होने की खबर से मुझे अत्यंत दुख हुआ है। इस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदनाएं व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, खरगोन में हुआ सड़क हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन मौके पर हरसंभव मदद में जुटा है।

मृतकों परिजनों को 6 लाख की आर्थिक मदद

मध्य प्रदेश सरकार खरगोन बस हादसे में मृत हुए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। गंभीर घायलों को 50 हजार और अन्य घायलों को 25 हजार रुपये की मदद दी जाएगी, सभी घायलों का इलाज सरकार करवाएगी। सरकार ने बस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। वहीं प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

मध्य प्रदेश में बस हादसे आम होते जा रहे हैं। हर सड़क हादसे के बाद व्यवस्था पर सवाल उठते हैं और जैसे-जैसे घटना पुरानी होती जाती है, सवाल भी कमजोर पड़ते जाते हैं। नतीजा, हर कुछ दिनों में एक्सीडेंट की खबर आती रहती है।

मध्य प्रदेश में हुई हालिया बड़ी बस दुर्घटनाओं की लिस्ट

सीधी बस हादसे में 53 लोगों की हो गई थी मौत

सीधी में 16 फरवरी 2021 को यात्रियों से भरी बस नहर में गिरने से 53 लोगों की मौत हो गई थी। ड्राइवर ने नहर के से सटे शार्टकट रास्ते से बस निकालने की कोशिश की। इसी दौरान वह स्टेयरिंग से नियंत्रण खो बैठा और बस फिसलकर पास में नहर में डूब गई।

धार के खलघाट में बस हादसे में 15 लोगों की मौत

जुलाई 2023 में धार जिले के खलघाट में सवारियों से भरी बस ब्रिज की रेलिंग को तोड़ते हुए नर्मदा नदी में गिर गई थी। घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी। यह बस इंदौर से पुणे जा रही थी।

इंदौर स्कूल बस हादसे में 6 लोगों की हुई थी मौत

इंदौर में 5 जनवरी 2018 को बायपास पर डीपीएस स्कूल की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें पांच बच्चों सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी।

सरकार ने आंखों पर पट्टी बांधी

सच्चाई यही है कि पूरे मध्य प्रदेश में बस संचालकों की मनमानी चल रही है। इनके लिए कोई नियम-कायदा नहीं है। अंध गति से बसें दौड़ती हैं। लोगों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस लिया जाता है। फिटनेस का ठिकाना नहीं होता। चालक कितनी प्रशिक्षित है, यह किसी को परवाह नहीं है। सवारियां बैठाने और एक-दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में काबू होकर गाड़ियां चलाई जा रही हैं।

हर बस दुर्घटना के बाद सरकार की तरफ से औपचारिक बयान आता है, दुख जताया जाता है, मुआवजे का ऐलान कर दिया जाता है, और फिर वो ही ठाक के तीन पात। होना यह चाहिए कि सख्त नियम बनें और उनका पालन किया जाए।

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