Vidhi upaaye janeu mantra know what is the importance of janeu in hinduism must recite this mantra before wearing: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ जनेऊ को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है। जनेऊ आमतौर पर कपास या रेशम के धागे से बना होता है और हिंदू धर्म में ब्राह्मण जाति में दीक्षा के प्रतीक के रूप में पहना जाता है। आमतौर पर जनेऊ को युवा लड़कों द्वारा उपनयन संस्कार के बाद धारण किया जाता है। वैदिक परंपरा में जनेऊ को शिक्षा धारण करने वाले छात्र के रूप में प्रतीक माना गया है।
मंत्रोच्चार के करें जनेऊ मंत्र का पाठ
उपनयन समारोह के दौरान जनेऊ धारण करने से पहले मंत्र पाठ किया जाता है और इसे एक पवित्र प्रार्थना माना जाता है, जो देवताओं के आशीर्वाद का आह्वान करती है। मंत्र का पाठ व्यक्ति के मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है और जातक को एक धार्मिक जीवन जीने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि जनेऊ धारण करने के बाद व्यक्ति पवित्र हो जाता है। जनेऊ व्यक्ति को परमात्मा और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद करने का एक साधन है।
जनेऊ में होते हैं तीन धागे
वैदिक परंपरा के मुताबिक जनेऊ में मुख्य रूप से 3 धागे होते हैं। यह तीन सूत्र त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक चिन्ह होते हैं। यह तीन सूत्र देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं। इसके अलावा यह सत्व, रज और तम गुण का भी प्रतीक होते हैं। 3 सूत्रों वाले यज्ञोपवीत संस्कार को गुरु दीक्षा के बाद धारण किया जाता है।
जनेऊ धारण करने से पहले करें इस मंत्र का जाप
ॐ यज्ञोपवीतम् परमं पवित्रं प्रजा-पतेर्यत -सहजं पुरुस्तात।आयुष्यं अग्र्यं प्रतिमुन्च शुभ्रं यज्ञोपवितम बलमस्तु तेजः।।जनेऊ धारण करते समय इस मंत्र के साथ में गायत्री मंत्र का भी 11 बार पाठ करना चाहिए। पौराणिक मान्यता कि जिस लड़की को आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करना हो, वह युवती भी जनेऊ धारण कर सकती है। ब्रह्मचारी व्यक्ति हमेशा 3 धागों के साथ और विवाहित पुरुष 6 धागों वाली जनेऊ को धारण करते हैं। जनेऊ में हमेशा 5 गांठ इसलिए लगाई जाती है क्योंकि ये पांच गांठ ब्रह्म, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक होती है।