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MP: मध्‍य प्रदेश में अगले तीन-चार दिन तक जारी रहेगा बारिश का सिलसिला, सतना में 4 मिलीमीटर वर्षा

भाेपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ इस वर्ष बैशाख की महीने में आषाढ़ से हालात बने हुए हैं। अलग-अलग स्थानाें पर सक्रिय पांच मौसम प्रणालियाें के असर से पूरे प्रदेश में वर्षा हाे रही है।

इसी क्रम में रविवार काे सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खजुराहाे में 44.4, दमाेह में 37, भाेपाल (शहर) में 35, भाेपाल (एयरपाेर्ट) में 31.0, सागर में 30, रायसेन में 16, खंडवा में 16, इंदौर में 14.2, सिवनी में 14, पचमढ़ी में 14, छिंदवाड़ा में आठ, सतना में 4, मलाजखंड में चार, शिवपुरी में चार, ग्वालियर में 3.4, बैतूल में तीन, नौगांव में दाे, नरसिंहपुर में दाे, नर्मदापुरम में एक, रतलाम में एक, उज्जैन में 0.6, गुना में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। राजधानी में दाे घंटे (दाेपहर दाे बजे से चार बजे तक ) में 35 मिलीमीटर वर्षा हुई। जाे अभी तक उपलब्ध आंकड़ाें में सर्वाधिक है। इसके पहले 20 अप्रैल 2013 काे एक दिन में 30.8 मिलीमीटर वर्षा हुई थी।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पाकिस्तान के मध्य में एक शक्तिशाली पश्चिमी विक्षाेभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। इसके प्रभाव से दक्षिणी पाकिस्तान पर एक प्रेरित चक्रवात बना गया है। मालदीव पर हवा के ऊपरी भाग में भी एक चक्रवात मौजूद है। इस चक्रवात से लेकर विदर्भ तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानाें पर बनी इन पांच मौसम प्रणालियाें के साथ ही हवा का रुख भी अभी दक्षिणी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। इस वजह से पूरे मध्य प्रदेश के जिलाें में गरज-चमक के साथ वर्षा हाे रही है। साेमवार काे एक नए पश्चिमी विक्षाेभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इस वजह से अभी तीन-चार दिन तक वर्षा हाेने का सिलसिला बना रह सकता है।

ओलावृष्टि से प्याज सहित सब्जियों की फसल को भारी नुकसान

रविवार को वर्षा के साथ कई स्थानों पर हुई ओलावृष्टि से प्याज समेत सब्जियों की फसल को खासा नुकसान हुआ है। केला, आम समेत फल की फसल भी प्रभावित हुई है। बैतूल के शाहपुर क्षेत्र में करीब 20 मिनट तक 50 से 200 ग्राम तक के ओले गिरे, जिससे घरों की सीमेंट की सीटें टूट गईं।

सीहोर में ओलावृष्टि से मैदानी, खेतों और सड़कों पर सफेद चादर बिछ गई। तीन दिन से लगातार हो रही वर्षा से नदियों, जलाशयों का जलस्तर भी बढ़ गया है। नर्मदापुरम जिले में शुक्रवार शाम को करीब तीन घंटे और रविवार को लगभग चार घंटे तेज वर्षा हुई, जिससे तवा नदी में पानी के बहाव में गई डंगरबाडि़यां बह गईं।

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