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Satna: किफायती होने के साथ अधिक फायदा देता है बकरी पालन


योजना में 10 बकरी और एक बकरा देने का है प्रावधान


भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि बड़े पशुओं की तुलना में बकरी पालन पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से काफी फायदेमंद है। राज्य शासन द्वारा बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई योजना संचालित है। इसमें हितग्राही को 10 बकरी और एक बकरा दिया जाता है। इकाई की लागत 77 हजार 456 रूपये है। सामान्य वर्ग के हितग्राही को इकाई लागत का 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति को इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वर्ष 2022-23 में सामान्य वर्ग के 169, अनुसूचित जनजाति के 71 और अनुसूचित जाति के 75 लोगों को योजना का लाभ दिया गया। बकरी पालन मजदूर, सीमांत और लघु किसानों में काफी लोकप्रिय है। चाहे घरेलू स्तर पर 2-4 बकरी पालन हो या व्यवसायिक फार्म में दर्जनों, सैकड़ों या हजारों की तादाद में, इनकी देख-रेख और चारा पानी पर खर्च बहुत कम होता है। वैज्ञानिक तरीके से पालन करने से 4-5 माह में आमदनी शुरू हो जाती है।

बकरी पालन टिप्स

बकरी की प्रजाति का चुनाव स्थानीय वातावरण को ध्यान में रख कर करना चाहिए। कम बच्चे देने वाली या अधिक बच्चे देने वाली बकरियों से कमाई एक-सी ही होती है। उन्नत नस्ल की प्राप्ति के लिए बाहर से बकरा लाकर स्थानीय बकरियों के संपर्क में लाना चाहिए। आमतौर पर इसके लिए अप्रैल-मई और अक्टूबर-नवम्बर माह अनुकूल रहता है।
संभव हो तो बकरी का बाड़ा पूर्व से पश्चिम दिशा में ज्यादा फैला होना चाहिए। बाड़े की लंबाई की दीवार की ऊँचाई एक मीटर और उसके ऊपर 40ग्60 वर्ग फीट की जाली होना चाहिए। बाड़े का फर्श कच्चा और रेतीला होना चाहिए। रोग मुक्त रखने के लिए समय-समय पर चूने का छिड़काव करना चाहिए। जन्म के एक सप्ताह के बाद मेमने और बकरी को अलग-अलग रखना चाहिए। एक वयस्क बकरी को उसके वजन के अनुसार रोजाना एक से तीन किलोग्राम हरा चारा, आधा से एक किलोग्राम भूसा और डेढ़ से चार सौ ग्राम दाना रोजाना खिलाना चाहिए। बकरियों को साबुत अनाज और सरसों की खली नहीं खिलाना चाहिए। दाने में 60 प्रतिशत दला हुआ अनाज, 15 प्रतिशत चोकर, 15 प्रतिशत खली, 2 प्रतिशत खनिज तत्व और एक प्रतिशत नमक होना चाहिए।
बकरियों को पीपीआर, ई.टी. खुरपका, गलघोंटू और चेचक के टीके जरूर लगवायें। यह टीके मेमनों को 3-4 माह की उम्र के बाद लगते हैं। साथ ही अंतरूपरजीवी नाशक दवाइयाँ साल में दो बार जरूर पिलायें। अधिक सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने के इंतजाम करें। नवजात मेमने को आधे घंटे के भीतर बकरी का पहला दूध पिलाने से उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ जाती है।

वित्त, वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवडा 23 को सतना आयेंगे

प्रदेश के वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवडा 23 अप्रैल को प्रातः रेवांचल एक्सप्रेस से सतना आयेंगे। वित्त मंत्री श्री देवडा प्रातः 11 बजे ओम रिसोर्ट हाल रीवा रोड में विन्ध्य चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज सतना की नवीन कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद दोपहर 3 बजे कार द्वारा कटनी के लिए प्रस्थान करेंगे।

शुपालन योजना में प्रचलित ऋणमान स्वीकृत

उप संचालक पशुपालन ने बताया कि वर्ष 2023-24 के वित्तमान (स्केल आफ फाइनेंस) के निर्धारण हेतु देशी/संकर गाय एवं भैंस के लिये कार्यशील पूंजी वर्तमान निर्धारित ऋणमानों में 10 प्रतिशत की वृद्धि, की गई है। जिसमें देशी गाय वित्तमान 16 हजार 500 रूपये प्रति पशु प्रतिवर्ष, भैंस/संकर गाय वित्तमान 19 हजार 800 रूपये प्रति पशु प्रतिवर्ष, पक्षी हेतु वित्तमान 200 रूपये प्रति पक्षी प्रतिवर्ष, लेयर पक्षी हेतु वित्तमान 800 रूपये प्रति पक्षी प्रतिवर्ष, बकरी/भेड हेतु वित्तमान 3000 हजार प्रति पशु प्रतिवर्ष एवं सूकर हेतु वित्तमान 4600 रूपये प्रति पशु प्रतिवर्ष वर्तमान प्रचलित ऋणमानों को यथावत रखे जाने की स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा दी गई है।

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