सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक समुदाय के 11 सदस्य मारे गए थे
National, court verdict in gujarat riots all accused including maya kodnani babu bajrangi acquitted: digi desk/BHN/ अहमदाबाद/ गुजरात दंगे में कोर्ट का फैसला आ गया है। अहमदाबाद कोर्ट ने इस मामले में आरोपी माया कोडनानी, बाबू बजरंगी समेत सभी आरोपीगणों को बरी कर दिया है। गुजरात की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को 2002 के नरोदा गाम नरसंहार मामले में सभी 68 आरोपियों को बरी कर दिया, जहां सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक समुदाय के 11 सदस्य मारे गए थे।
आरोपियों में पूर्व भाजपा विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे। कुल 86 अभियुक्तों में से 18 की घटना और अदालत के फैसले के बीच की अवधि के दौरान मृत्यु हो गई थी।
आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी विधानसभा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस दंगा), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत अपराध दर्ज किए गए थे। ), और 153 (दंगों के लिए उकसाना), दूसरों के बीच में। इन अपराधों में मौत की अधिकतम सजा है।
कोडनानी ने यह कहा
कोडनानी ने खुद को बरी किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “आज सही में सत्य की जीत हुई है।”अहमदाबाद स्थित अदालत में एसआइटी के विशेष जज एसके बक्सी ने 27 फरवरी, 2002 को साबरमती ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए राज्यव्यापी दंगों के दौरान हुए जघन्यतम हत्याकांडों में से एक के सभी आरोपितों को बरी कर दिया।
28 फरवरी, 20002 को हुए नरोदा गाम दंगे की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआइटी ने की थी। अदालत का विस्तृत फैसला आना अभी बाकी है, लेकिन संक्षिप्त फैसला सुनाए जाने के बाद बरी किए गए कुछ लोगों ने अदालत के बाहर “जय श्रीराम” और “भारत माता की जय” के नारे लगाए।
18 आरोपियों की मृत्यु
इस मामले में कुल 86 आरोपित थे जिनमें से 18 की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई। एक आरोपित को अदालत में अपर्याप्त सुबूतों के कारण सीआरपीसी की धारा-169 के तहत पहले ही बरी कर दिया था। 86 आरोपितों में से 82 का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील चेतन शाह ने कहा कि उन्होंने निर्दोषों को बरी कराने के लिए अदालत में 7,719 पन्नों की लिखित दलीलें पेश कीं।
नरोदा पाटिया मामले से भी बरी हो गई थीं कोडनानी
कोडनानी को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया मामले में ट्रायल कोर्ट ने अलग से दोषी ठहराया था और 28 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या हुई थी। हाई कोर्ट ने बाद में कोडनानी को इस मामले से बरी कर दिया था। नरोदा गाम का दंगा गोधरा अग्निकांड के बाद हुए दंगों के नौ बड़े मामलों में से एक था।