- दिव्यांग अनुष्का कोे रेडक्रास से 50 हजार रूपये की मदद
- महिला बाल विकास विभागीय कर्मचारियों ने 25 हजार रूपये दिये
- वैश्य समाज के लोगों ने 151000/- की मदद का दिया आश्वाशन, कल पीड़ित परिवार को सौंपी जाएगी सहयोग राशि
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ ट्रांसपोर्ट नगर रामटेकरी निवासी दिव्यांग छात्रा अनुष्का को विगत दिवस उनके पिता प्रमोद गुप्ता के दुखद निधन हो जाने से मदद स्वरूप जिला प्रशासन द्वारा 50 हजार रूपये की राशि रेडक्रॉस सोसाइटी से उपलब्ध कराई गई है ।इसी प्रकार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास और उनके विभागीय अधिकरियों-कर्मचारियों के सहयोग से 25 हजार रुपए की मदद अनुष्का को दी गई है। आर्थिक तंगी और बेटी के इलाज से परेशान पिता ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी। बेटी पांच साल पहले सड़क हादसे में दिव्यांग हो गई थी। सारी दौलत बेचकर बेटी का इलाज कराया, मगर बेटी ठीक नहीं हो सकी।
यह है मामला
सतना शहर में ट्रांसपोर्ट नगर निवासी प्रमोद गुप्ता ने रेलवे ट्रैक पर कूदकर आत्महत्या कर लिया। प्रमोद मानसिक अवसाद में जी रहे थे, आर्थिक तंगी और बच्चों के भविष्य की चिंता इतनी भारी पड़ी की ट्रेन की पटरी पर जाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल, मृतक प्रमोद गुप्ता का परिवार बड़ा है और वे व्यवसाय करते थे। लेकिन एक हादसे ने उन्हें कंगाल बना दिया। मृतक पर राधा गुप्ता, उदय गुप्ता (18), अनुष्का गुप्ता (16), रैना गुप्ता (12) के लालन-पोषण की जिम्मेदारी थी। अनुष्का और भाई उदय सड़क हादसे का शिकार हुए थे। दोनों की जान बच गई, मगर अनुष्का की रीढ़ की हड्डी टूटने से विकलांग हो गई। पिता ने दोनों के इलाज के लिए पूरी जमा पूंजी खर्च कर दी। कर्ज लिए और जमीन जायदाद तक बेच दी। अनुष्का भी हार नहीं मानी और हाईस्कूल में टॉप किया।
सतना जिला प्रशासन ने अनुष्का और उसके परिवार का हौसला अफजाई किया। अनुष्का का सम्मान किया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। लेकिन फिर किसी ने सुध नहीं ली। पीड़ित परिवार अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काटता रहा। भुखमरी की कगार पर पहुंच गया। आखिरकार जब घर के गैस सिलेंडर भरवाने तक के पैसे नहीं बचे और स्कूल से बच्चों की फीस न जमा होने पर नोटिस आने लगी तो ये पिता टूट गया और आज आत्महत्या कर ली।
अब पूरा परिवार सदमे में है और अनुष्का का रो-रो कर बुरा हाल है। अनुष्का पिता की मौत के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को जिम्मेदार मान रही है। अनुष्का की माने तो सम्मान के दिन बड़े-बड़े वायदे किए गए। गरीबी रेखा का कार्ड, स्मार्ट फोन तक देने और इलाज का खर्च तक देने की बात की, मगर इसके बाद कोई पूछने तक नहीं आया। बल्कि कार्यालय जाने पर गुमराह करते रहे, मजबूरी में पिता दुनिया से रुक्सत हो गए।
सरकारी इमदाद

जिला प्रशासन द्वारा दिव्यांग छात्रा अनुष्का गुप्ता की आगे की पढाई और प्रोत्साहन के लिए सतत सहयोग किया जा रहा है। वर्ष 2022 में प्राइवेट छात्रा के तौर पर दसवीं बोर्ड परीक्षा में 76 प्रतिशत अंक लाने पर प्रोत्साहन स्वरूप मेरिट में नहीं होते हुए भी अनुष्का को कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मेरिट में स्थान दर्ज करने वालों मेधावी छात्रों के साथ जिला स्तर पर सम्मानित किया था। कलेक्टर के निर्देशानुसार अनुष्का को फरवरी माह से दिव्यांग सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी स्वीकृत की गई है।
एसडीएम सिटी नीरज खरे ने बताया कि दिव्यांग छात्रा के पिता प्रमोद गुप्ता का परिवार बीपीएल श्रेणी में नहीं था। इस लिहाज से उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य लाभो की पात्रता नहीं थी। संवेदनशीलता के साथ प्रशासन ने सहानुभूति पूर्वक उनको बीपीएल में शामिल कराने की कार्यवाही में आवेदन पत्र चाहा गया था। जिसमें आवेदक प्रमोद गुप्ता ने अपनी वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार रूपये बताई और 3500 रूपये मासिक किराये पर आवास लेकर रहने की जानकारी दी। एसडीएम ने मानवीय आधार पर उनका आवदेन रिजेक्ट नहीं कर उसे संशोधन कर प्रस्तुत करने का कहा। लेकिन प्रमोद गुप्ता ने कोई रूचि नहीं दिखाई। प्रशासन द्वारा कई बार आवेदक से सम्पर्क करने पर भी रिस्पांस नहीं मिला। लिहाजा उनका आवेदन समय बाहय होकर रिजेक्ट हो गया। प्रमोद गुप्ता के परिवार को बीपीएल श्रेणी की पात्रता नहीं होने पर आयुष्मान कार्ड और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी अपात्र रहे। एसडीएम सिटी नीरज खरे ने अखबारों में छपी बदसलूकी की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि दिव्यांग अनुष्का की पारिवारिक स्थितियों को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा पूरी संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ हर संभव मदद देने का प्रयास किया गया लेकिन आवेदक की ओर से रूचि नहीं लेने से प्रयास सफल नहीं हुए।