MP, gwalior zoo news durgas cubs came out of the cage for the first time thrill among the tourists: digi desk/BHN/ग्वालियर/ बाघिन दुर्गा के पीछे-पीछे भागते दो नन्हें शावकों ने खूब अठखेलियां कीं। कभी वे मां के पीछे-पीछे दौड़ते, तो कभी मां को छोड़ आपस में ही खेलने लगते। इस दौरान मां जब ऊंचाई पर जाकर बैठ गई, तो दोनों शावकों ने भी चढ़ने का प्रयास किया। असफल होने पर थककर जमीन पर बैठ गए। यह नजारा सोमवार की शाम को गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) का था, जब जन्म के 41 दिन बाद इन शावकों को पहली बार पिंजरे से बाड़े में लाया गया।
शावकों को देखने के लिए जश्न जैसा माहौल था। बड़ी संख्या में सैलानी इन दोनों शावकों को देखने के लिए पहुंचे। बाघिन दुर्गा और बाघ लव के मिलन से पहली बार गत छह मार्च को शावकों का जन्म हुआ था। बाघिन दुर्गा का जन्म भी वर्ष 2018 में गांधी प्राणी उद्यान में ही हुआ था। नवजात शावकों को पहले तो आइसोलेशन में रखा गया था और सोमवार को चिकित्सकों ने चैकअप करने के बाद दोनों को बाड़े में छोड़ने की स्वीकृति दी। इस दौरान महापौर डा. शोभा सिकरवार ने सभी बच्चों और लोगों को टाफियां बांटकर मुंह मीठा कराया।
रोज शाम डेढ़ घंटे के लिए देख सकेंगे
इन शावकों को अब रोज शाम पांच से साढ़े छह बजे के बीच बाड़े में छोड़ा जाएगा और सैलानी इनका दीदार कर सकेंगे। दरअसल, धूप और गर्मी के कारण शावकों को दिन में एनक्लोजर में ही रखा जाएगा, ताकि उनके स्वास्थ्य पर असर न पड़े। हालांकि अभी शावक मां के दूध पर ही निर्भर हैं, लेकिन एक महीने बाद उनकी डाइट में मटन को शामिल किया जाएगा।
जल्द मिलेगी खुशखबरी
अब गांधी प्राणी उद्यान में बाघ के कुनबे में कुल सात सदस्य हैं, इनमें चार नर और तीन मादा हैं। इनमें से तीन सफेद और चार पीले रंग के हैं। चिड़ियाघर के क्यूरेटर गौरव परिहार ने बताया कि मीरा भी एक-दो दिन में शावकों को जन्म दे सकती है। ऐसे में चिड़ियाघर में बाघों की संख्या और बढ़ जाएगी।