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Asad Encounter: अशरफ की गलती से मुठभेड़ में ढेर हुआ असद, पुलिस से किया वादा निभाता तो बच जाता..!

Asad encounter asad killed in an encounter due to a mistake by ashraf atiq brother had reneged on his promise: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ आरोपी उसका भाई अशरफ अपने बुने जाल में ही फंस गया। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। लेकिन बाद में वह मुकर गया। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम के एनकाउंटर की खबर तीसरे दिन भी सोशल मीडिया में ट्रेंड करती रही। असद एनकाउंटर के बाद इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर मीम्स की भी बाढ़ आ गई। ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म पर शुक्रवार को भी लोग अपनी प्रतिक्रिया देते रहे। 

उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ आरोपी उसका भाई अशरफ अपने बुने जाल में ही फंस गया। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। ये वादा उसने उमेश पाल अपहरण केस में सजा सुनाए जाने के लिए बरेली जेल से प्रयागराज की अदालत में आने के दौरान किया था।

हालांकि जैसे ही वह बरेली वापस जाने के लिए पुलिस की वैन पर सवार हुआ, वह मुकर गया। वह रास्ते भर वैन में सवार पुलिसकर्मियों को धमकाता रहा। उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि वह किसी भी हाल में शूटरों को पुलिस को नहीं सौंपेगा।

असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंकी
अशरफ की इस हरकत के बारे में जैसे ही पुलिस अधिकारियों को पता चला, उनको आभास हो गया कि अशरफ उनको झांसा देकर असद और शूटरों के बचते रहने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी गयी। असद और गुलाम का पीछा कर रही एसटीएफ की टीम को दोनों के झांसी में सतीश पांडेय के घर पर छिपे होने की सूचना मिली जिसके बाद उनको घेर लिया गया।

‘काफिले पर हमला करने से पुलिस का मनोबल टूटेगा’

पुलिस सूत्रों की मानें तो अतीक और अशरफ ने ही दोनों को झांसी जाने को बोला था। उनका मकसद अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज ला रहे पुलिस काफिले पर हमला करके दहशत कायम करना था। दरअसल, इसकी पूरी योजना भी अशरफ ने ही बनाई थी। उसे यकीन था कि काफिले पर हमला करने से पुलिस का मनोबल टूटेगा।

बिल्डर ने दिए थे शाइस्ता को 80 लाख रुपये

उमेश पाल हत्याकांड में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड से पहले माफिया अतीक अहमद के करीबी बिल्डर मो. मुस्लिम ने शाइस्ता परवीन को 80 लाख रुपये दिए थे। यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने बिल्डर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। यह जानकारी मिलने के बाद से बिल्डर पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है।

कुछ दिनों पहले शाइस्ता के पास आई थी बड़ी रकम

इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि अतीक के चकिया स्थित कार्यालय से 21 मार्च को जो 73 लाख रुपये बरामद हुए, यह उसी रकम का हिस्सा है। सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को पता चला था कि वारदात से कुछ दिनों पहले शाइस्ता के पास एक बड़ी रकम आई थी। 

अतीक के करीबी बिल्डर ने दी थी रकम

जांच आगे बढ़ाई गई तो पता चला कि रकम वर्तमान में लखनऊ में रहने वाले अतीक के एक करीबी बिल्डर ने दी थी। तफ्तीश में पता चला कि यह बिल्डर मो. मुस्लिम है जो मूल रूप से चकिया का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस ने मुस्लिम को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने यह बात कबूली कि रकम उसने ही दी थी।

असद ही गया था रकम लेने

सूत्रों का यह भी कहना है कि मुस्लिम से रकम लेने के लिए असद ही लखनऊ गया था। वह अपने कुछ साथियों के साथ लखनऊ पहुंचा था। इसके बाद मुस्लिम से रकम लेकर वह लौट आया था। सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि शाइस्ता मेयर का चुनाव लड़ने वाली थी। चुनाव के लिए उसे रुपयों की जरूरत थी। ऐसे में उसने मुस्लिम समेत तमाम लोगों से मदद करने को कहा था। इसके बाद ही मुस्लिम ने उसे रकम दी।

पिछले साल जून में दर्ज हुआ था केस

मुस्लिम उमेश पाल से एक करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में भी नामजद है। यह मुकदमा पिछले साल 25 अगस्त को धूमनगंज थाने में दर्ज कराया गया था। वादी उमेश ने आरोप लगाया था कि 11 फरवरी 2022 को अतीक का करीबी मुस्लिम अपने साथियों खालिद जफर, दिलीप कुशवाहा व अन्य संग उसकी पीपलगांव स्थित जमीन पर कब्जा करने पहुंचा था। उसने पहुंचकर विरोध जताया तो उसे तमंचा सटाकर एक करोड़ की रंगदारी मांगी गई। यह भी कहा गया कि यह सांसद अतीक का आदेश है।

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