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Husband Legal Rights: पति को कायर-बेरोजगार कहना तलाक का आधार, जानिए कानूनी अधिकार

National what is the legal right for husband calling husband coward unemployed could be basis of divorce: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ पति को निकम्मा, बेरोजगार और मेंटल हैरेसमेंट करना तलाक का आधार बन सकता है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इसे मानसिक क्रूरता माना है। कहा कि यदि पत्नी पति को उसके माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाती है, तो उसे डिवोर्स दिया जा सकता है। जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस उदय कुमार की बेंच ने इस केस की सुनवाई की है। कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार, लड़का अपने माता-पिता के साथ रहता है। बेटे के अलग रहने के लिए कोई ठोस कारण होना चाहिए।

क्या है पूरा मामला

पश्चिमी मिदनापुर जिले की पारिवारिक अदालत ने जुलाई 2001 में पति द्वारा पत्नी पर मानसिक क्रूरता का आरोप लगाते हुए शादी को भंग कर दिया था। महिला ने उस आदेश के खिलाफ मई 2009 में कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पति को कायर और बेरोजागर बताने के मुद्दे पर कोर्ट ने कहा, ‘यह पत्नी की झूठी शिकायत के कारण था, क्योंकि पति ने सरकारी नौकरी खो दी थी।’अदालत ने याचिकाकर्ता की डायरी को भी देखा। जिसमें यह लिखा कि वह कहीं और विवाह करना चाहती थी। कोर्ट ने कहा, ‘ऐसे मामलों में शादी कानूनी बंधन बनकर रह जाती है। यह कल्पना के अलावा कुछ नहीं है। खंडपीठ ने विवाह भंग करने के फैसले को बरकरार रखा है।’

शादीशुदा पुरुषों में आत्महत्या की दर

– बता दें कि घरेलू हिंसा के शिकार महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी है। कई आदमियों ने अपनी पत्नियों से तंग आकर खुदकुशी कर ली है। पुरुषों के मौत का आंकड़ा काफी हैरान कर देने वाला है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के अनुसार वर्ष 2021 में 81,063 विवाहित पुरुषों ने आत्महत्या की, जबकि शादीशुदा महिलाओं की संख्या 28,680 थीं।

– एनसीआरबी के साल 2015 की रिपोर्ट का आकलन में विशेषज्ञों ने पाया था कि विवाहित महिलाओं की तुलना में पुरुषों के सुसाइड की आशंका सर्वाधिक है। आदमियों के आत्महत्या के मामले में शादीशुदा की संख्या 66%,अविवाहित 21% और विधुर-तलाकशुदा की संख्या 3% है।

– सुसाइड के कारणों में पारिवारिक समस्या सबसे बड़ा कारण है। कलह और झगड़ों के कारण 2014 में जहां 18 हजार पुरुषों ने मौत को गले लगा लिया। वहीं, महिलाओं का आंकड़ा 9,900 था।

कानूनी अधिकार

– अगर पत्नी मार-पिटाई कर रही है। पति पर गलत काम करने के लिए दबाव बना रही है। तब वह 100 नंबर या महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर कॉल करके पुलिस से सहायता से सकता है।

– खुद की बनाई संपत्ति पर पति का अधिकार होता है। पत्नी या बच्चों पर उस पर कोई अधिकार नहीं है। वह जिसे चाहे उसे दे सकता है।

– पुरुषों के पास मेंटल हैरेसमेंट पर पुलिया या अदालत में शिकायत का अधिकार है।

– पति के पास तलाक के लिए याचिका दायर करने का अधिकार है।

– हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के तहत पति और पत्नी दोनों एक-दूसरे से मेंटेनेंस की डिमांड कर सकते हैं।

– एकतरफा तलाक के मामले में बच्चे की कस्टडी का अधिकार है।

– पति के खिलाफ झूठी शिकायत क्रूरता और प्रताड़ना की श्रेणी में आता है।

– अगर पत्नी काउंसिलिंग के बाद न माने, अपनी मनमानी करें और कोर्ट की बात को मानने से इनकार कर दें। ऐसे मामले में पति के पास उससे अलग होने का अवसर होता है।

– अगर पत्नी के साथ संबंध ठीक नहीं है, अक्सर धमकी की नौबत आ रही हो तो धारा 9 का मुकदमा दर्ज करा सकते हैं। पत्नी द्वारा किए जा रहे गलत व्यवहार की लिखित शिकायत फैमिली कोर्ट में कर सकते हैं।

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