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Monsoon Forecast: इस साल कितनी होगी बारिश, मौसम विभाग ने बताया मानसून को लेकर पूर्वानुमान

National imd monsoon forecast normal rainfall this year el nino read skymetweather monsoon predication here: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मौसम विभाग ने मंगलवार को कहा कि एल नीनो की स्थिति के बावजूद मानसून के मौसम में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। आईएमडी की रिपोर्ट स्काईमेट वेदर की भविष्यवाणी के ठीक एक दिन बाद आई है। मौसम विज्ञान महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम-मध्य और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है।

पूर्वानुमान

एम महापात्रा ने कहा, ‘प्रायद्वीपीय क्षेत्र के कई हिस्सों, पूर्व-मध्य, पूर्वोत्तर क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिम के कुछ इलाकों में सामान्य बारिश होने का अनुमान है।’ अल नीनो की स्थिति मानसून के मौसन में विकसित होने की संभावना है। इसका असर दूसरी छमाही में महसूस किया जाता है।

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान हिंद महासागर डिपोल की स्थिति होने की उम्मीद है। वहीं, मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने देश के बड़े हिस्से में रबी की फसल को नुकसान पहुंचाया है। जिससे हजारों किसानों को नुकसान हुआ। हालांकि सरकार का कहना है कि बेमौसम बरसात के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है।

स्काईमेट वेदर की भविष्यवाणी

वहीं, स्काईमेट वेदर ने सोमवार को कहा कि भारत में इस साल सामान्य से कम मानसूनी बारिश होने का अनुमान है। ला नीना की स्थिति समाप्त होने और अल नीनो के प्रभावित होने के कारण सूखे की 20% संभावना है। जून से सितंबर की चार महीने की अवधि के लिए मानसून की बारिश 868.6 मिमी के दीर्घकालिक औसत का लगभग 94 प्रतिशत होगी।

एजेंसी का कहना है कि देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में बरसात की कमी देखी जा सकती है। गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के दौरान अपर्याप्त बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मानसून के दूसरे चरण के दौरान सामान्य से कम बरसात होने का अनुमान है।

स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिह ने कहा, ‘अल नीनो से इस साल कमजोर मानसून की आशंका जताई जा सकती है।’ अल नीनो मानसूनी हवाओं के कमजोर होने और भारत में कम वर्षा से जुड़ा हुआ है। अल नीनो की वजह से तापमान गर्म होता है। उन्होंने कहा कि अब ला नीना समाप्त हो गया है। बता दें कि ला नीना बारिश के दौरान दक्षिण-पूर्व एशिया में खासतौर पर उत्तर-पश्चिम भारत और बांग्लादेश में सामान्य से अधिक मानसूनी बरसात होती है।

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