Jabalpur pandit dhirendra shastri said in jabalpur if you want to live in india then you have to say sita ram: digi desk/BHN/जबलपुर/ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राम नवमी के जुलूस पर पत्थर फेंकने वालों पर भड़के। बोले- दुनिया में सबसे बड़ा नाम राम का है। जुलूस पर पत्थर फेंकना देश के लिए दुर्भाग्य की बात है। पनागर में चल रही भागवत कथा के विश्राम दिवस पर व्यासपीठ से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रास-महारास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कृष्ण जी ने एक रास किया है। पर श्रीरामजी ने 999 रास रचाए हैं। राम जी को आप कम न मानना, वे भी गुरु हैं। कृष्ण उनके चेले जैसे हैं। श्रीराम चित्रकूट गए। वहां संत उन पर आसक्त थे। राम का नाम जपते थे क्योंकि उन्हें प्रेम करते थे। सबको भगवान ने अगले जनम में मिलने कहा। उन्होंने कहा कि ये पवित्र प्रेम ही मानसिक महारास है। इस प्रसंग पर अंत में उन्होंने ये भी कहा कि कुछ भी बड़ा न इस दुनिया में सोना चांदी दान, सबसे बड़ा राम का नाम।
विरोध दिखता है, है नहीं
महाराजश्री ने कहा कि राम-कृष्ण में विरोध दिखाई जरूर पड़ता है, पर विरोध है नहीं। उन्होंने समझाया कि मनुष्य के रूप में आप एक हो, पर नाते के रूप में अनेक हो जाते हो। एक होते हुए भी आपके अंदर पिता-पुत्र, साला-चाचा, सखा-मामा सब अलग-अलग हो जाते हैं। ऐसे ही परमात्मा भक्तों के लिए अनेक रूप में प्रकट हो जाते। कभी राम कभी घनश्याम कभी हनुमान कभी गुरु।
विवाह का कारण हैं श्रीराम
उन्होंने कहा कि भले ही श्रीकृष्ण के अनेक विवाह हुए, पर हर विवाह का कारण श्रीरामजी ही हैं। रामजी पर जो भी मोहित हुआ, उन्होंने अगले जनम में वचन निभाने कह दिया। सखियों से लेकर महात्मा तक जो उन पर मोहित हुए, सबको उन्होंने अगले जनम में मिलने कहा। यही वचन श्रीकृष्ण के अनेक विवाह का कारण बना। इसीलिए मैं कहता हूं कि राम-कृष्ण दोनों एक अंतर नहीं निमेष।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि सच बताएं जबलपुर ने दिल जीत लिया। यहां की कथा अनूठी रही। जबलपुर वासियों ने जो प्यार बरसाया, उसके क्या कहने। आज तो हम गाड़ी से निकले ही नहीं। प्यार से नारियल-फूल सब फेंक के मारते हैं जबलपुर वाले। उन्होंने कहा कि हम चले जाएंगे पर सनातन के लिए आप आधे न होना, नहीं तो दोबारा आऊंगा चमीटा लेके। व्यासपीठ का पूजन विधायक सुशील तिवारी ने किया।