Upaaye havan vastu tips in which direction havan should be performed know here the right direction and rules of performing: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सनातन धर्म में हवन का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। जब भी घर पर कोई मांगलिक कार्य हो, तीज, त्योहार, पर्व हो या फिर कथा पूजा हो तो हवन के बिना ये सभी अधूरे माने जाते हैं।मान्यता है कि हवन करने से ना केवल देवता प्रसन्न होते हैं बल्कि इससे आपके आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है, साथ ही घर का वास्तु भी ठीक होता है। लेकिन आपको बता दें कि हवन करते समय आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती है। जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है हवन की दिशा सही होना।
हवन किस दिशा में करना चाहिए?
हवन करते समय दिशा का पूरी तरह ध्यान रखना जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, हवन करने के लिए सबसे अच्छी और सही दिशा घर के अग्नि कोण, यानी दक्षिण-पूर्व का कोना, यानि घर का वो हिस्सा जहां दक्षिण और पूर्व दिशायें मिलती हों बहुत अच्छी मानी जाती है। वहीं अगर हवन करने वाले व्यक्ति का मुख हमेशा दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।
माना जाता है कि अगर सही दिशा में हवन किया जाए तो यह बहुत ही शुभ परिणाम देता है। इससे वास्तु संबंधी दिक्कतें भी शांत होती हैं।
हवन करने से पहले जान लें ये नियम
1. हवन में एक अंगूठे से अधिक मोटी समिधा का प्रयोग नहीं करना चाहिए और ना ही समिधा 10 अंगुल लंबी होनी चाहिए।
2. हवन में अग्नि प्रज्ज्वलित होने के बाद ही आहुति देनी चाहिए, पहले नहीं।
3. कभी भी अग्नि प्रज्ज्वलित करने के लिए पंखे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
4. हवन में काले तिल का प्रयोग करना चाहिए। सफेद तिल निषेध मानी जाती है।
5. अक्षत देवताओं को 3 बार चढ़ाना चाहिए और पितरों को 1 बार। अक्षत धोकर चढ़ाना चाहिए।
6. घी का दीपक अपनी बाईं तरफ तथा देवताओं के दाहिनी तरफ रखना चाहिए।