Tyohar chaitra navratri 2023 day 3 mata chandraghanta mantra arti vrat katha puja vidhi: digi desk/BHN/नई दिल्ली/नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघटा की पूजा की जाती है। देवी के नौ रूपों में मां का यह रुप सौम्यता और शांति का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्र के समान मां के इस रुप से दिव्य सुगंधियों और दिव्य ध्वनियों का आभास होता है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी है। माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
माता का स्वरूप
मां चंद्रघंटा का यह रूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनका वाहन सिंह है। देवी मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। यह देवी दस हाथों से सुशोभित हैं और तलवार, त्रिशूल, धनुष, गदा एवं अन्य अस्त्र- शस्त्रों से विभूषित हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार, मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संहार के लिए अवतार लिया था। इनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों की शक्तियां समाहित हैं।
कैसे करें प्रसन्न
मान्यता है कि देवी चंद्रघंटा को सुनहरा या पीला रंग पसंद है। इसलिए आमतौर पर भक्त इस दिन माता की मूर्ति को इसी रंग के वस्त्र से सजाते हैं। साथ ही मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय सुनहरे या पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ माना गया है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाईयां, खीर और मखाने का भोग लगा सकते हैं। मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और सभी दुखों का नाश करती हैं।
इन मंत्रों का करें जाप
प्रार्थना मंत्र
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
पूजा के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:47 बजे से 05:34 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 06:21 बजे से दोपहर 01:22 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:03 बजे से 12:52 बजे तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 बजे से 03:19 बजे तक