छतरपुर/टीकमगढ़,भास्कर हिंदी न्यूज़/ नवरात्र के दिन सिंघाड़े के आटे से बना फलाहार खाने से टीकमगढ़ में 50 और छतरपुर में 15 लोग बीमार हो गए। बताया जाता है कि दूषित आटा का उपयोग किए जाने से सभी की हालत बिगड़ी गई।
कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छतरपुर की बड़ामलहरा परिषद ने मुनादी कर दुकानदारों को फिलहाल कुट्टू और सिंघाड़े का आटा न बेचने की चेतावनी दी है वहीं लोगों से भी सावधान रहने की अपील की है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में एक ही कंपनी का आटा सप्लाई होने से ऐसी स्थिति बनी है। आटा जब्त कर जांच की जा रही है।छतरपुर के बड़ामलहरा में बुधवार शाम को कुट्टू व सिंघाड़े के आटे से बना फलाहार खाने से 15 लोग बीमार हुए। सभी को हाथों-पैरों में कंपन और उल्टी की शिकायत है। 22 वर्षीय भूपेंद्र पाठक, 40 वर्षीय अनीता मिश्रा, 35 वर्षीय रूपा मिश्रा, 15 वर्षीय रामजी मिश्रा, 40 वर्षीय राजेश मिश्रा और 13 वर्षीय श्याम मिश्रा सहित 10 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
अस्पताल पुहंचे प्रभारी एसएलआर अभिनव शर्मा को लोगों ने बताया कि बड़ामलहरा में चक्रेश जैन की दुकान से सिंघाड़े का आटा लिया था। इस आटे का हलवा बनाकर इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद दुकान से आटा जब्त किया गया व नगर परिषद की ओर से मुनादी करवाई गई है कि कोई भी दुकानदार कुट्टू का आटा नहीं बेचे। लोगों से भी सावधान रहने के लिए कहा गया है।
उधर टीकमगढ़ में भी सिंघाड़े के आटा से बना सामान खाने के बाद आधा सैकड़ा लोग बीमार हो गए। गुरुवार की सुबह से जिला अस्पताल में फूड प्वाइजनिंग के मरीजों की लाइन लग गई। कुछ परिवारों के पूरे सदस्य ही बीमार थे। जतारा निवासी वंशी नामदेव ने बताया कि शाम को 6 बजे घर में सिंघाड़े के आटे की पूड़ियां बनीं तो सभी ने वह खाई। इसके बाद सभी का सिर चकराने लगा और कुछ ही देर में उल्टियां होने लगी।
बेहोश होने पर परिवार के सदस्य उन्हें लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। आराम न मिलने पर टीकमगढ़ जिला अस्पातल पहुंचे। अस्प्पताल में पलेरा, जतारा, बल्देवगढ़ सहित जिला मुख्यालय के मरीज भर्ती किए गए है। डॉ योगेश यादव ने बताया कि दूषित आटा का उपयोग से सभी की हालत बिगड़ी है, हालाकि सभी की हालत सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है।