MP board exam paper leak now envelopes of question papers will be opened in the centers only in the presence of patwaris: digi desk/BHN/भोपाल / हाईस्कूल व हायर सेकंडरी परीक्षा ने स्कूल शिक्षा विभाग के कुप्रबंधन की कलई खोल दी है। दोनों कक्षाओं के 11 प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने के ठीक पहले इंटरनेट मीडिया पर आ चुके हैं।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आ चुका है कि परीक्षा केंद्रों से ही प्रश्न पत्र बाहर आ रहे हैं, इसके बाद भी विभाग के आला अधिकारी व्यवस्था नहीं बना पा रहे हैं। उधर, मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मंगलवार को एक बार फिर सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि पटवारी को प्रश्न पत्रों के साथ साये की तरह लगा दें।
परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र का लिफाफा खुलवाने के बाद वे साढ़े नौ बजे तक वहीं रहें। बता दें कि इस मामले में अब तक 38 लोगों के खिलाफ एफआइआर कराई जा चुकी है।स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार स्वीकार कर चुके हैं कि परीक्षा केंद्रों से ही प्रश्न पत्र बाहर आ रहे हैं। यह स्वीकारोक्ति स्पष्ट करती है कि इस गड़बड़ी में मंडल से अधिक विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। जानकार बताते हैं कि केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक और दो विद्यार्थियों के सामने प्रश्न पत्र के लिफाफे खोले जाते हैं।
लिफाफा खुलने के बाद प्रश्न पत्र कक्ष में बैठाए गए विद्यार्थियों के मान से शिक्षकों को दिए जाते हैं, वे कक्ष तक प्रश्न पत्र लेकर जाते हैं, उसी बीच मोबाइल से स्केन कर प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर भेज दिया जाता है। यह सभी स्कूल शिक्षा विभाग या उससे संबद्ध स्कूलों के कर्मचारी हैं। जिन पर विभाग का नियंत्रण होना चाहिए, जो नहीं किया जा रहा है। मामले में विभाग के मंत्री, प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी बात करने से बच रहे हैं।
मोबाइल फोन क्यों नहीं लिए जा रहे
प्रश्न पत्र मोबाइल फोन के माध्यम से बाहर आ रहे हैं। यह नियम भी है कि परीक्षा केंद्र में केंद्राध्यक्ष तक मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, फिर भी शिक्षक मोबाइल लेकर कैसे पूरे परीक्षा केंद्र में घूम रहे हैं। पिछले 14 दिन में अधिकारियों का इस पर भी ध्यान नहीं गया।
मंडल के अपने तर्क
मंडल के अधिकारियों के अपने तर्क हैं, वे कहते हैं कि नौ बजे परीक्षा शुरू होती है, साढ़े आठ बजे तक परीक्षार्थी, परीक्षा केंद्र में प्रवेश कर लेते हैं। ऐसे में साढ़े आठ बजे के बाद प्रश्न पत्र बाहर आने को गोपनीयता भंग होना ही कहा जाएगा। प्रश्न पत्र लीक होना नहीं। क्योंकि, इससे परीक्षार्थी को कोई लाभ नहीं हो रहा है। हालांकि इन तर्कों से भी जानकार सहमत नहीं हैं।