Madhya pradesh government sold properties worth rs 600 crore in two years to recover from high debt: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्य प्रदेश सरकार ने बीते दो साल में प्रदेश की 600 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्तियां बेच दीं। अब 131 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां बेचने की तैयारी की जा रही है। नर्मदापुरम का पिपरिया वेयर हाउस 2.14 करोड़ रुपये, कटनी का ब्लाक-तीन 8.19 करोड़, ट्रैक्टर स्कीम इटारसी 11.87 करोड़, छतरपुर के नौगांव की 5.51 करोड़ संपत्ति और धार का बस डिपो 25.58 करोड़ रुपये में नीलाम किया जाएगा।
इसी तरह ग्वालियर की 47.92 करोड़ रुपये कीमत की तीन संपत्तियां विक्रय के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। इस तरह 131.21 करोड़ की संपत्तियों की नीलामी की जाएगी। बता दें कि प्रदेश में ऐसी शासकीय संपत्तियां जिनका वर्तमान स्थिति में उपयोग नहीं है उन्हें चिह्नित कर उनका विक्रय किया जाता है। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग इन संपत्तियों को चिह्नित करता है और उन्हें नीलाम करता है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये की आय अर्जित हो रही है।
उत्तर प्रदेश के झांसी में मध्य प्रदेश परिवहन विभाग का बस डिपो भी विक्रय किया जाएगा। हालांकि इसका मूल्य निर्धारित नहीं किया गया। इस वर्ष 65 से अधिक संपत्तियां विक्रय के लिए चिह्नित की गई हैं।बता दें कि भोपाल की प्राइम लोकेशन पर स्थित आरटीओ और मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम की संपत्ति भी विक्रय करने की तैयारी थी, लेकिन बाद में आरटीओ कार्यालय भाजपा को किराए पर दिए जाने से फिलहाल इस संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया रोक दी गई है।
दिसंबर, 2020 से अभी तक 553.59 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची जा चुकी हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 26.96 करोड़ रुपये, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 282.97 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 में 256.71 करोड़ रुपये की संपत्ति बेची गई।उपयोग में नहीं आ रही संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। राज्य शासन की संबंधित जिले में स्थित अनुपयोगी परिसंपत्तियों की नीलामी/ विक्रय जिला नजूल निर्वर्तन समिति से प्राप्त एवं कार्यपालिका समिति द्वारा निर्णय के आधार पर किया जाता है। जिले में शासन की अनुपयोगी परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए जिला कलेक्टर समक्ष अधिकारी होता है।
कर्ज से उबरने संपत्तियां की जा रही विक्रय
वर्तमान में मध्य प्रदेश सरकार पर तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो गया। विभागीय सूत्रों की माने तो इस कर्ज से उबरने के लिए संपत्तियों का विक्रय किया जा रहा है। इनमें अधिकांश संपत्तियां मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम की हैं।