Falgun purnima 2023 falgun purnima on tuesday know the special importance of fasting and worship on this day: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिन्दी परंपरा में फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा बेहद खास होती है, जिसे फाल्गुन पूर्णिमा, वसंत पूर्णिमा या दोल पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की पूजा करने का भी विधान है। मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा पर व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। धन-वैभव की प्राप्ति और मानसिक कष्टों का निवारण होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व है। इस साल फाल्गुनी पूर्णिमा मंगलवार, 07 मार्च को है। इस दिन चंद्रमा की पूजा के साथ ही शाम को होलिका दहन भी किया जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा: मुहूर्त
- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 06 मार्च, शाम 04:17 बजे
- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समापन- 07 मार्च, शाम 06:09 बजे
- चंद्रोदय समय – 7 मार्च, शाम 06:19 बजे
- स्नान मुहूर्त – 7 मार्च, सुबह 05:07 बजे से 05:56 बजे तक
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 8 मार्च, 12:13 AM बजे से 01:02 AM तक
कैसे करें पूजन
- इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें।
- अगर नदी ना हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
- इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहन कर भगवान विष्णु की आराधना करें।
- इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखने का संकल्प लें।
- शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद पारण कर सकते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन राजा हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को होलिका में जलाने का प्रयत्न किया था। लेकिन पालनहर्ता श्री हरी विष्णु के आशीर्वाद से प्रह्लाद पर होलिका का कोई असर नहीं हुआ। तभी से मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर दान आदि करने से सौभाग्य की प्राप्ति के साथ अच्छे स्वास्थ्य का भी वरदान मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के अलावा शंकर भगवान की भी पूजा की जाती है। साथ ही शाम को चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि फाल्गुनी पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखने से समस्त दुखों का नाश होता है।